samas ki parbhasha btate hue uske bhedon ki paribhasha sahit udharan likhiye
Answers
समास दो शब्दो के मेल को कहते है।
समास के 6 भेद होते है।
●अव्ययीभाव समास:जिस समास के पूर्व पद अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है।
●तत्पुरूष समास:इस समास का उत्तर पद प्रधान होता है तथा पूर्व पद गौण होता है।
●कर्मधारय समास:इस समास मे दोनो पद विशेषण-विशेष्य होते है तथा उत्तर पद प्रधान होता है।
●द्विगु समास:इस समास मे पूर्व पद संख्यावाची होता है तथा समस्तपद समूह का बोध कराता है।
●द्वंद्व समास :इस समास मे दोनो पद प्रधान होते है तथा दोनो के बीच योजक चिन्ह का उपयोग होता है।
●बहुव्रीहि समास:इस समास मे दोनो पद प्रधान नही होते है, बल्कि दोनो मिलकर किसी तीसरे शब्द का बोध कराते है।
Answer:
समास : समास का तात्पर्य है 'संक्षिप्तीकरण'। हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप; जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं।
समास के भेद
समास के छः भेद हैं:
- अव्ययीभाव
- तत्पुरुष
- द्विगु
- द्वन्द्व
- बहुव्रीहि
- कर्मधारय
अव्ययीभाव समास
जिस समास का पहला पद(पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे – यथामति (मति के अनुसार), आमरण (मृत्यु कर) इनमें यथा और आ अव्यय हैं।
तत्पुरुष समास
जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे – तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत (रचित)
कर्मधारय समास
जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद व उत्तरपद में विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का संबंध हो वह कर्मधारय समास कहलाता है।
जैसे –चंद्रमुख =चंद्र जैसा मुख
द्विगु समास
जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है।
जैसे – नवग्रह= नौ ग्रहों का समूह
द्वन्द्व समास
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और’, अथवा, ‘या’, एवं लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।
जैसे-पाप-पुण्य= पाप और पुण्य
बहुव्रीहि समास
जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
जैसे –दशानन= दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
Explanation: