samas ki paribhasha aur Prakar ka 15 15 udharan likiyan
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समास का तात्पर्य होता है – संछिप्तीकरण। इसका शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप। अथार्त जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जहाँ पर कम-से-कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जाए वह समास कहलाता है।
संस्कृत, जर्मन तथा बहुत सी भारतीय भाषाओँ में समास का बहुत प्रयोग किया जाता है। समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद’ कहा जाता है। इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।
जैसे :-
रसोई के लिए घर = रसोईघर
हाथ के लिए कड़ी = हथकड़ी
नील और कमल = नीलकमल
रजा का पुत्र = राजपुत्र |
माता-पिता = माता और पिता।
पुस्तक+आलय = पुस्तकालय।
विषधर = विष को धारण करने वाला अथार्त शिव।
यथाशक्ति = शक्ति के अनुसार
यथाक्रम = क्रम के अनुसार
यथानियम = नियम के अनुसार
प्रतिदिन = प्रत्येक दिन
प्रतिवर्ष =हर वर्ष
आजन्म = जन्म से लेकर
यथासाध्य = जितना साधा जा सके
धडाधड = धड-धड की आवाज के साथ
घर-घर = प्रत्येक घर
रातों रात = रात ही रात में
आमरण = म्रत्यु तक
यथाकाम = इच्छानुसार
यथास्थान = स्थान के अनुसार
अभूतपूर्व = जो पहले नहीं हुआ
निर्भय = बिना भय के
निर्विवाद = बिना विवाद के
निर्विकार = बिना विकार के
प्रतिपल = हर पल
अनुकूल = मन के अनुसार
अनुरूप = रूप के अनुसार
यथासमय = समय के अनुसार
यथाशीघ्र = शीघ्रता से
अकारण = बिना कारण के
यथासामर्थ्य = सामर्थ्य के अनुसार
यथाविधि = विधि के अनुसार
भरपेट = पेट भरकर
हाथोंहाथ = हाथ ही हाथ में
बेशक = शक के बिना
खुबसूरत = अच्छी सूरत वाली
Answer:
समास का सामान्य अर्थ होता है 'संक्षेप' दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के मेल से शब्द बनाने की जो प्रक्रिया है उसे ही समास कहते हैं अर्थात उन दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने से जो नया शब्द बनता है वह शब्द समास शब्द है!
समास के उदाहरण
आइये इसे कुछ उदाहरण के माध्यम से समझने का प्रयास करते हैं जैसे कि शिव जी को एक और नाम से जाना जाता है त्रिलोचन जिसे इस प्रकार भी बोला जा सकता है- तीन है लोचन ( नेत्र ) जिसके इसे कम शब्दों में त्रिलोचन कहा जाता है। इसी प्रकार के अन्य उदाहरण जैसे - घोड़े पर सवार (घुड़सवार), दस है आनन जिसके (रावण) (दशानन) आदि।
समास विग्रह किसे कहते हैं
इसी प्रकार दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने से बने समासिक शब्दों को अलग करने की प्रक्रिया समास विग्रह कहलाती है। एक और बात जब तक हम किसी भी समासिक शब्द का विग्रह नही करते तब तक हमें पता नहीं चलता की कोन सा समास उस पद में है।
समास के भेद कितने होते हैं
समास के भेद को हम उसके प्रकार भी कह सकते हैं जो की इस प्रकार है आईये जाने समास के उन प्रकारो नाम हिंदी व्याकरण में समास के मुख्य रुप से छः भेद हैं जो की इस प्रकार हैं
अव्ययीभाव समास
तत्पुरुष समास
कर्मधारय समास
द्विगु समास
द्वन्द समास
बहुब्रीहि समास