Samas vigrah karke bade likiye
Sathayi
Dopahar
Chaarpai
Aanshumaali
Yathasamay
Pratyak
Dharmshala
Manganth
Sapthsindhu
Karkamal
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दोपहर- दो पहरों का समहो
चारपाई - चार पैरों का समहार
आंसू माली - आंसू है माला जीसकी
यथासमय - समय के अनुसार
प्रयेक- प्रति समय
धरमशाला- धरम के शाला
सप्त सिंधु- सप्त सिंधु
करकमल- कमल के समान
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