Hindi, asked by rohitmandal9608, 8 months ago

समस्त पदों का विग्रह कर समास का नाम लिखिए 1. रसोईघर 2. यथाशक्ति​

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Answered by PsychoUnicorn
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उत्तर→

१. रसोईघर - रसोई के लिए घर

  • भेद - तत्पुरुष समास

२. यथाशक्ति - शक्ति के अनुसार

  • भेद - अव्ययीभाव समास

समास - समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को समाज है।

समास के भेद -

१. तत्पुरुष समास - दूसरा पद प्रधान होता है और पहले पद के विभक्ति चिन्ह का लोप कर दिया जाता है, उसे 'तत्पुरुष समास' कहते हैं।

२. द्वन्तु समास - जिस समास में दोनों या सब पद प्रधान होते हैं,उसे 'द्वन्द्व समास' कहते हैं।

३. बहुब्रीहि समास - जिस समस्त पद में कोई भी पद प्रधान न हो और समस्त पद किसी अन्य पद का विशेषण अथवा पर्याय बन जाए, उसे बहुब्रीहि समास' कहते हैं।

४.कर्मधारय समास- जिस समास में प्रथम पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो, उसे 'कर्मधारय समास' कहते हैं।

५. द्विगु समास - द्विगु समास में प्रथम पद संख्यावाचक विशेषण होता और उत्तर पद विशेष्य होता है।

६. अव्ययीभाव समास - जिस समास में पूर्व पद प्रधान तथाअव्यय होता है, और उत्तर पद संज्ञा अथवा विशेषण होता है, उसे 'अव्ययीभाव समास' कहते हैं।

Answered by VAIBHAVSANWALPRO
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Answer:

↠ "समास" का शाब्दिक अर्थ है -"सम + आस " = पास रखना । समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक पद मिलकर नया पद बनाते हैं। नया पद बनने पर उनके बीच में आने वाले संबंध सूचक शब्दों का लोप हो जाता है।

↠समाज के 6 भेद होते हैं :-

तत्पुरुष समास

द्विगु समास

कर्मधारय समास

बहुव्रीहि समास

द्वंद समास

अव्ययीभाव समास

↠तत्पुरुष समास में दूसरा पद प्रधान होता है ,पहला पद दूसरे पद का विशेषण होने के कारण गौण रहता है रहता है। उदाहरण:- "परलोक गमन = परलोक को गमन" तत्पुरुष समास के निम्नलिखित 7 भेद हैं :-

कर्म तत्पुरुष

करण तत्पुरुष

संप्रदान तत्पुरुष

अपादान तत्पुरुष

संबंध तत्पुरुष

अधिकरण तत्पुरुष

न तत्पुरुष

↠कर्मधारय समास में विशेषण की तरह संज्ञा की विशेषता बताई जाती है। इस समास का प्रयोग वहां होता है जहां पूर्व पद विशेषण और उत्तर पद विशेष्य होता है। उदाहरण:-" महात्मा = महान है जो आत्मा"।

↠द्विगु समास में पहला शब्द संख्यावाचक विशेषण और दूसरा पद संज्ञा होता हैं यह समाज समूह का बोध कराता है। उदाहरण:- "त्रिलोक = तीन लोकों का समूह"।

↠बहुव्रीहि समास में पहला या दूसरा पद प्रधान ना होकर कोई अन्य पद प्रधान होता है। यह दोनों पद अन्य पद की विशेषता प्रकट करते हैं। उदाहरण:- "चंद्रशेखर = चंद्र है जिसके सर पर अर्थात शिव"

↠द्वंद समास में दोनों संज्ञा पद प्रधान होते हैं। इन पदों में, और, वह, तथा ,या, अथवा आदि का लोप होता है। उदाहरण:-"नर - नारी = नर और नारी"।

↠अव्ययीभाव समास में पूर्व प्रधान होता है। यह समस्त पद अव्यय का काम करता है। उदाहरण:- "भरपेट = पेट भरकर"

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