समस्त पद में विभक्ति तथा समुच्चयबोधक कठ___________हो जाता है।
Answers
Answer:
1. कर्ता— क्रिया को स्वतन्त्र रूप से करने वाले को कर्ता कहते हैं।
यथा— गिरीश: पस्तु कं पठति। यहाँ 'पठति' क्रिया को करने वाला
'गिरीश' है। अतएव यह कर्ता कारक है।
2. कर्म— क्रिया के सम्पादन में कर्ता के सर्वाधिक अभीष्ट को कर्म
कहते हैं।
यथा— गिरीश: पुस्तकं पठति। यहाँ पठन क्रिया के सम्पादन में कर्ता
'गिरीश' के लिए 'पस्
ुतक' सर्वाधिक अभीष्ट है, अत: कर्मकारक है।
3. करण— क्रिया की सिद्धि में कर्ता के प्रमख
ु सहायक को करण कहते हैं।
यथा— गौरी जलेन मखु प्रक् ं षालयति। यहाँ 'प्रक्षालन' क्रिया का प्रमख
ु
सहायक जल है। अत: 'जल' करण कारक है।
4. सम्प्रदान कारक— जिसे कुछ दिया जाता है या जिसके लिए कोई कार्य
किया जाता है, वहाँ सम्प्रदान कारक होता है।
यथा— वागीश: मित्राय लेखनीं ददाति। इस वाक्य में मित्र को लेखनी
दी जा रही है, अत: 'मित्राय' सम्प्रदान कारक है। इसी तरह 'माता बालकाय
फलम आन ् यति' वाक्य में फल लाने का कार्य बालक के लिए हो रहा है, अत:
'बालकाय' सम्प्रदान कारक है।
5. अपादान कारक— जिससे कोई वस्तु अल स्तु ग होती है, वह अपादान
कारक होता है। 'वक्ृ षात'
्पत्राणि पतन्ति। यहाँ पत् (तेपत्राणि) वक्षृ से अलग
हो रहे हैं, अत: 'वक्ृ षात'
्अपादान कारक है।
6. अधिकरण कारक— क्रिया का आधार अधिकरण है।
यथा— मनिु : आसनेतिष्ठति। इस वाक्य में तिष्ठति क्रिया का आधार
'आसने' है, अत: आसने अधिकरण कारक है।
7. सम्बन्ध और सम्बोधन— जहाँ एक व्यक्ति अथवा वस्तु का द स्तु सरे
ू
व्यक्ति अथवा वस्तु से स स्तु म्बन्ध प्रकट हो, वहाँ षष्ठी विभक्ति का प्रयोग
किया जाता है।
यथा— रामस्य पत्र: क ु ुश: गच्छति। यहाँ रामस्य पद में षष्ठी विभक्ति
Explanation:
plase mark as brainlist