"समस्या का हल वापस लौटने में नहीं, वरन् उसका युक्तिसंगत हल खोजने में है।' इस
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समस्या का हल खोजने से उसकी समझ ज्यादा अहम
2 वर्ष पहले
अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक बार कहा था, ‘दुनिया बचाने के लिए एक घंटा दिया जाए तो मैं 55 मिनट समस्या को समझने में और पांच मिनट समाधान खोजने में लगाऊंगा।’ यदि हम सारी ज्वलंत चुनौतियों का समाधान खोजना चाहते हैं तो यह सोच आज के वक्त की जरूरत है। समाधान खोजना मानवीय स्वभाव है। इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि आप शिक्षत हैं या अशिक्षत जैसा ये उदाहरण साबित करते हैं।
उदाहरण 1 : गैंगमैन सबसे निचली श्रेणी के रेलवे कर्मचारी होते हैं, जो पूरे ट्रैक पर उसे अच्छी तरह जांचने का सबसे महत्वपूर्ण काम करते हैं कि उनमें कोई दरार या कमजोर वेल्डिंग तो नहीं। ऐसा न करने का नतीजा रेल के पटरी से उतरने में हो सकता है। इस श्रेणी में लोगों की कमी से प्राय: रखरखाव प्रभावित होता है और दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेल संगठन- भारतीय रेलवे में कई दुर्घटनाएं हुई हैं। चेन्नई के आलिम मुहम्मद सालेघ इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र यात्रियों की बेहतर सुरक्षा के लिए रेलवे ट्रैक की जांच का बेहतर विकल्प चाहते थे।
उन्होंने स्मार्ट इंडिया हैकेथॉन में भाग लिया, जिसका उद्देश्य ही विद्यार्थियों को रोजमर्रा की समस्याओं का टेक्नोलॉजी आधारित समाधान खोजने के लिए प्रेरित करना है। यह मोहम्मद इब्राहिम, मुहम्मद सलमान, अमीरुद्दीन, कौसारी तबस्सुम और आरएम सुमन की मंशा के अनुरूप था। चूंकि हैकेथॉन ने उनके सामने चुनने के लिए 3,000 समस्याएं रखी थीं, तो कौन-सा प्रॉब्लेम स्टेटमेंट चुनना इसका फैसला लेने में लगभग एक हफ्ता लगा। उन्होंने एक वाहन बनाया, जो ज्यादा मानवीय हस्तक्षेप के बिना प्राथमिक स्तर का निरीक्षण खुद ही कर सकता था।