Hindi, asked by akashkamlesh06, 3 months ago

(४) समदरसी है नाम तिहारो, सोई पार करो,
एक नदिया इक नार कहावत, मैलो नीर भरो,
एक लोहा पूजा में राखत, एक घर बधिक परो,
सो दुविधा पारस नहीं जानत, कंचन करत खरो । kon sa ras hai​

Answers

Answered by DeepakSainiTlk
3

Answer:

काव्य रस

Explanation:

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Answered by Rameshjangid
0

समदरसी है नाम तिहारो …………………. कंचन करत खरो l इन पंक्तियों में भक्ति रस पाया गया है l

प्रस्तुत पंक्तियों में महाकवि तुलसीदास का भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति देखने को मिलती है I वह भगवान कृष्ण का गुणगान करते हुए उनके बारे में कुछ बातें स्पष्ट कर रहे हैं l मैं अपनी भक्ति का गुणगान कर रहे हैं l

भक्ति रस : जहाँ ईश्वर अथवा अपने प्रिय देवता के प्रति सच्ची श्रद्धा, उनके प्रति अलौकिकता, स्नेह-विनयशीलता आदि का भाव हृदय में उत्पन्न होता है, वहाँ भक्ति रस पाया जाता है l

भक्ति रस प्रकट करने वाला अन्य उदाहरण -

● तू दयालु दीन हौं; तू दानि हौं भिखारि।

हौं प्रसिद्ध पातकी, तू पाप पुंजहारि। l

रस : - एक काव्य को पढ़ने, उसे सुनने और उसका चिंतन करने में जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे रस कहा जाता है l

रस के प्रकार -

  1. हास्य रस
  2. श्रृंगार रस
  3. करुण रस
  4. भयानक रस
  5. शांत रस
  6. भक्ति रस
  7. वीर रस
  8. अद्भुत रस

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