समवती सूची के विषयों पर कानून कौन बनाता है Ansar bata do Hindi m
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Explanation:
संविधान के अनुच्छेद 248 (1) में यह कहा गया है कि संसद को उन सभी विषयों पर कानून बनाने का अनन्य अधिकार है जिनका उल्लेख राज्य व समवर्ती सूची में नहीं है। दूसरे शब्दों में अवशिष्ट शक्तियाँ केंद्र सरकार के पास हैं।
साथ ही संसद को यह शक्ति दी गई है कि वह किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि, करार, अभिसमय को कार्य रूप देने के लिये समूचे देश या उसके किसी भाग के लिये कोई विधि बना सके ( अनुच्छेद 253)।
अनुच्छेद 250 के अनुसार, यदि आपातकाल की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची के विषय के संबंध में विधि बनाने की शक्ति संसद की होगी।
अनुच्छेद 356 के अनुसार, जब राष्ट्रपति को राज्यपाल की रिपोर्ट पर यह समाधान हो जाए कि किसी राज्य में ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिसमें राज्य का शासन वैधानिक उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है तो राष्ट्रपति यह घोषित करेगा कि राज्य के विधानमंडल की शक्तियाँ संसद के प्राधिकार के द्वारा प्रयोग की जाएंगी।
अनुच्छेद 368 में यह स्पष्ट किया गया है कि संविधान के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए आधे से अधिक राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थन किया जाना आवश्यक है। ये विषय हैं- राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया, संघ की कार्यपालिका शक्ति का क्षेत्र, राज्य की कार्यपालिका शक्ति का क्षेत्र, विधायी शक्ति का वितरण आदि।
यद्यपि संविधान द्वारा केंद्र तथा राज्यों की विधायी शक्तियों का स्पष्ट रूप से विभाजन किया गया है लेकिन व्यावहारिक रूप से संविधान में कुछ ऐसे प्रावधान है जिसके द्वारा केंद्र सरकार राज्य सरकारों की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप कर सकती है।