Hindi, asked by laundiya8221, 3 months ago

Samaveshi shikshab ko badhva dene ke liye Kya jaruri nhi h

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Answered by mritunjayy
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Explanation:

समावेशी शिक्षा के मायने और तरीके

आज़ादी के बाद से भारत में हुए शैक्षिक व्यवस्था का विकास इस बात की पुष्टि करता है कि भारतीय शिक्षा ने विभिन्न क्षेत्रीय विविधताओं और भिन्न सीमाओं के बावजूद भी समावेशी शिक्षा के लिए उपकरण के रुप में कार्य किया है| समावेशी शिक्षा से हमारा तात्पर्य वैसी शिक्षा प्रणाली से है जिसमें सभी शिक्षार्थियों को बिना किसी भेद भाव के सीखने सिखाने के सामान अवसर मिले, परन्तु आज भी यह समावेशी शिक्षा उस मुकाम पर नहीं पहुँची है, जहाँ इसे पहुँचना चाहिए|

वस्तुतः समावेशी शिक्षा की परिकल्पना इस संकल्पना पर आधारित है कि सभी बच्चों के विद्यालयी शिक्षा में समावेशन व उसकी प्रक्रियाओं की व्यापक समझ की इस कदर आवश्यकता है कि उन्हें क्षेत्रीय, सांस्कृतिक, सामजिक परिवेश और विस्तृत सामाजिक-आर्थिक एवं राजनीतिक प्रक्रियाओं दोनों में ही संदर्भित करके समझा जाए| क्योंकि भारतीय संविधान में समता, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय एवं व्यक्ति की गरिमा को प्राप्य मूल्यों के रूप में निरूपित किया गया है, जिसका ईशारा समावेशी शिक्षा की तरफ हीं है।

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