Hindi, asked by Abhi9639, 1 year ago

samay hi jeevan hai essay in hindi

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Answered by brainly110
132
समय सभी के लिए अनमोल है; समय सभी के लिए निःशुल्क है हालांकि, कोई भी इसे न तो खरीद सकता है और न ही बेच सकता है। कोई या तो समय को बर्बाद कर सकता या फिर इसका सदुपयोग कर सकता है हालांकि, यह सत्य है कि, जो समय को बर्बाद करता है, उसे निश्चित ही समय के द्वारा नष्ट कर दिया जाता है और जो इसका सदुपयोग करता है, निश्चित ही वह समय के द्वारा आशीर्वाद प्राप्त करता है। जो व्यक्ति समय को खो देता है, वह उसे कभी वापस प्राप्त नहीं कर सकता है। यदि हम समय पर भोजन नहीं करेंगे या समय पर अपनी दवाईयाँ नहीं लेगें, तो समय हमारे स्वास्थ्य को नष्ट कर सकता है। समय बहती हुई नदी की तरह होता है, जो लगातार आगे बढ़ता है और कभी वापस नहीं आता।

हमें समय के अनुसार समयनिष्ठ रहना चाहिए और सभी कामों को समय के साथ करना चाहिए। हमें सही समय पर उठना, सुबह पानी पीना, तरोताजा होना, ब्रश करना, नहाना, सुबह का नाश्ता करना, स्कूल जाने के लिए तैयार होना, कक्षा का कार्य करना, दोपहर का खाना, घर आना, गृह कार्य करना, रात को पढ़ना, रात का खाना खाकर सही समय पर सोना चाहिए। यदि हम अपनी दैनिक दिनचर्या को सही समय पर नहीं करेंगे, तो हम जीवन में दूसरे लोगों से पीछे रह जाएगें। यदि हम जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हैं, तो इसके लिए उचित प्रतिबद्धता, लगन और समय के पूरे उपयोग की आवश्यकता है।


Abhi9639: thanks a lot
Renugautam: nice answer
Abhi9639: thank u very much
Answered by nikita128
20

Answer:

hmm u are right

Explanation:

दुनिया में मूल्यवान वही होता है जो या तो दुर्लभ होता है या जिसका कुछ महत्त्व होता है और उसका तो मूल्य और अधिक होता है जिसका ना तो उत्पादन किया जा सकता है और ना ही उसे नियंत्रित किया जा सकता है ‘समय’ उनमें से सबसे प्रमुख है दुनिया में आने वाले प्रत्येक मनुष्य के पास एक निश्चित मात्रा में समय होता है जो उसके जन्म के लेने के समय से ही निरंतर एक नियमित गति से घटता जाता है और जो क्षण व्यक्ति एक बार जी लेता है वह दोबारा उस जीवन में लौटकर नहीं आता अतः समय अत्यंत ही मूल्यवान होता है लेकिन क्या सत्य उससे भी अधिक मूल्यवान होता है इसको जानने के लिए सबसे पहले यह जानना होगा कि वास्तव में सत्य क्या होता है।

सत्य शब्द संस्कृत के सत शब्द से निकला है जिसका अर्थ होता है शास्वत, वास्तविक या यथार्थ सत्य वास्तव में एक नैतिक मूल्य होता है जिस पर मानव समाज टिका होता है, सत्य एक साथ साध्य और साधन दोनों है जिसके द्वारा जिसको प्राप्त करने के लिए प्राचीन काल से लोगों द्वारा प्रयास किया जाता रहा है।........

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