Hindi, asked by tharu3228, 1 year ago

Samay ka durupyog par Samwad

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Answered by dharmikjethva30
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कहते हैं कि गुजरा हुआ समय कभी भी वापिस लौट कर नहीं आता। लेकिन हम अक्सर अपने कार्यों को कल पर टाल देते हैं और जब समय निकल जाता है तो पछताते हैं। पर इसका कोई फायदा नहीं होता। वहीं कुछ लोग समय न होने का रोना रोते हैं लेकिन अगर आप समय को सही तरीके से मैनेज करने की कला सीख लें तो आपका काम भी हो जाएगा और आपके पास पर्याप्त समय भी होगा। तो आईए जानते हैं टाइम मैनेजमेंट के फायदे और उसे सही तरीके से मैनेज करने के बारे में-

तनाव से मुक्ति
जब आप अपने सारे कार्य समय पर पूरा कर लेते हैं तो आप अनावश्यक तनाव से मुक्ति पा जाते हैं और न ही आपको अंत समय में किसी प्रकार की परेशानी का सामना करना पडता है।
साथ ही जब आप तनावमुक्त होते हैं तो इसका सीधा असर आपकी परफारमेंस पर भी दिखाई देता है और जब आप काम को बेहतर तरीके से करते हैं तो उसमें गलतियां होने के आसार या आपके कुछ भूलने की संभावनाएं न के बराबर होती हैं। साथ ही इससे आपका आत्मविश्वास भी कहीं न कहीं बढ़ता है और आप एक आर्गेनाइज्ड इंसान बनते हैं।

समय का सही इस्तेमाल
जिन लोगों को यह पता होता है कि उन्हें किस समय पर क्या करना है, वह जीवन में खुद के लिए भी समय निकालने में सक्षम होते हैं। खुद के साथ बिताया गया कुछ वक्त उन्हें आंतरिक रूप से खुशी प्रदान करता है, साथ ही ऐसे लोग अपने समय को अनावश्यक रूप से व्यर्थ नहीं करते। समय का सही इस्तेमाल करने से आप उन सब कामों के लिए भी समय निकालने में सक्षम हो जाते हैं, जिन्हें करना पहले आपके लिए संभव नहीं था। यह आपकी ग्रोथ के लिए काफी फायदेमंद है।

सकारात्मक व्यक्तित्व
जो लोग टाइम को सही तरीके से मैनेज करने में माहिर होते हैं, उनकी एक बेहतर पर्सनैलिटी लोगों के सामने आती हैं। घर, ऑफिस, कॉलेज व दोस्तों के सामने उनकी पहचान एक ऐसे व्यक्ति के रूप में होती है, जो अपना सभी काम समय पर पूरा करता है। इससे उनकी एक सकारात्मक इमेज तो बनती ही है, साथ ही इससे उनकी तरक्की के रास्ते भी खुलते हैं।

यूं मैनेज करें समय
आपने टाइम मैनेजमेंट के फायदों के बारे में तो जान लिया। अब आपके लिए यह जानना भी आवश्यक है कि आप समय को किस प्रकार मैनेज करें। इसके लिए आपको जीवन में सबसे पहले अपनी प्राथमिकताओं के बारे में जानना आवश्यक है। साथ ही हर चीज को आप एक साथ किस प्रकार मैनेज कर सकते हैं। इसके लिए आपके थोड़े स्मार्ट वर्क की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी गृहिणी को सुबह जल्दी होती है और बच्चों का नाश्ता व लंच बनाने के चक्कर में उसे बच्चों को तैयार करने में देर हो जाती है तो उसे नाश्ते व लंच की कुछ तैयारी शाम को अपना पंसदीदा सीरियल देखते हुए ही कर लेनी चाहिए। इससे उसका समय भी बचेगा और बच्चे भी लेट नहीं होंगे। साथ ही सीरियल के दौरान नष्ट होने वाले समय का सही इस्तेमाल भी हो जाएगा।

इसके अतिरिक्त अगर आप समय को सही तरह से मैनेज करना चाहते हैं तो आपको स्वयं के साथ थोड़ा सख्त होना पड़ेगा। मसलन, अगर आप खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं और आपने सुबह वॉक करने का फैसला किया है तो अपने फैसले का सम्मान करते हुए उसे पूरा करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपको एक्सरसाइज करने के लिए अपना जरूरी काम छोड़कर दिन का समय निकालना पड़ेगा।
इस प्रकार आपके काम का नुकसान होगा। इसलिए ध्यान रखें कि आप जो समय जिस काम के लिए तय किया है, उसे उसी समय पर पूरा करें।

Answered by shaileshsingh820
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Answer:

काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।

पल में परलै होय गी, बहुरी करेगा कब ।।

उपर्युक्त पंक्तियां समय की महत्ता को बताती हैं । समय ही सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ कदम से कदम मिला कर चल ही नही पाते और पिछङ जाते हैं। समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं ।

विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो कभी वापस नही आता। सत्य कहावत है कि बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते। हमें किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है। समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है।

समय का प्रबंधन प्रकृति से स्पष्ट समझा जा सकता है। समय का कालचक्र प्रकृति में नियमित है। दिन-रात, ऋतुओं का समय पर आना-जाना है । यदि कहीं भी अनियमितता होती है तो विनाष की लीला भी प्रकृति सीखा देती है। समय की उपेक्षा करने पर कई बार विजय का पासा पराजय में पलट जाता है। नेपोलियन ने आस्ट्रिया को इसलिए हरा दिया कि वहाँ के सैनिकों ने पाँच मिनट का विलंब कर दिया था, लेकिन वहीं कुछ ही मिनटो में नेपोलियन बंदी बना लिया गया क्योंकि उसका एक सेनापति कुछ विलंब से आया। वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन की पराजय का सबसे बङा कारण समय की अवहेलना ही थी। कहते हैं खोई दौलत फिर भी कमाई जा सकती है। भूली विद्या पुनः पाई जा सकती है किन्तु खोया हुआ समय पुनः वापस नही लाया जा सकता सिर्फ पश्चाताप ही शेष रह जाता है।

समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है, किन्तु इसे वही पाते हैं जो इसका सही उपयोग करते हैं। जापान के नागरिक ऐसा ही करते हैं, वे छोटी मशीनों या खिलौनों के पुर्जों से अपने व्यावसायिक कार्य से फुरसत मिलने पर नियमित रूप से एक नया खिलौना या मशीनें बनाते हैं। इस कार्य से उन्हे अतिरिक्त धन की प्राप्ति होती है। उनकी खुशहाली का सबसे बङा कारण समय का सदुपयोग ही है।

समय तो उच्चतम शिखर पर पहुँचने की सीढी है। जीवन का महल समय की, घंटे-मिनटों की ईंट से बनता है। प्रकृति ने किसी को भी अमीर गरीब नही बनाया उसने अपनी बहुमुल्य संपदा यानि की चौबीस घंटे सभी को बराबर बांटे हैं। मनुष्य कितना ही परिश्रमी क्यों न हो परन्तु समय पर कार्य न करने से उसका श्रम व्यर्थ चला जाता है। वक्त पर न काटी गई फसल नष्ट हो जाती है। असमय बोया बीज बेकार चला जाता है। जीवन का प्रत्येक क्षण एक उज्जवल भविष्य की संभावना लेकर आता है। क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझ कर बरबाद कर रहे हैं वही पल हमारे लिए सौभाग्य की सफलता का क्षण हो। आने वाला पल तो आकाश कुसुम की तरह है इसकी खुशबु से स्वयं को सराबोर कर लेना चाहिए। ये कहना अतिशयोक्ति न होगी कि, वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतिक्षा नही करतीं। हमारा कर्तव्य है कि हम समय का पूरा-पूरा उपयोग करें।

अब हम समय के नियोजन के बारे मे विचार करते हैं । मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया के अनुसार

“ किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक क्रियाकलापों के बारे में चिन्तन करना नियोजन कहलाता है।“

हम अपने समय के सदुपयोग के बारेमे किस तरह से सोचें। यही समय का नियोजनहै । भगवान महावीर ने समय के नियोजन के बारे मे वर्षों पहिले कहा था –

-‘ काले कालं समायरे ‘

अर्थात् जिस समय जो काम उचित हो , उस समय वही काम करना चाहिए। निर्धारित समय पर निर्धारित काम करने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकता है। अपेक्षा है , व्यक्ति समय के मूल्य को पहचाने। संसार में एक कीमती तत्व है ‘ समय ‘ । दूसरी कीमती चीजें यदि खो जाएं तो उन्हें दुबारा प्राप्त किया जा सकता है किन्तु समय एक ऐसी चीज है , जिसे खोने के बाद दुबारा कभी नहीं पाया जा सकता। जागरूकता के साथ समय का नियोजन करने वाला व्यक्ति सौभाग्यशाली होता है और वह सफलता के उत्तुंग शिखर तक भी पहुंच सकता है।

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