Hindi, asked by Sabika7879, 6 months ago

Samay ka mahatvapurn samjhate hue anuj ko patra

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Answered by samirpanchal0092
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Answer:

१३५ विकासनगर,

नयी दिल्ली - ७५

दिनांकः ३०/०९/२०१७

प्रिय मित्र रजनीश

सप्रेम नमस्कार,

मैं यहाँ कुशलपूर्वक हूँ और भगवान से तुम्हारी कुशलता की कामना करता हूँ . कल ही मुझे तुम्हारे बड़े भाई का पत्र मिला ,जिसे पढ़कर मुझे बहुत दुःख हुआ कि तुम गलत संगती में पड़कर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हो .तुम्हारे लिए यह समय अमूल्य है . इसको यदि गलत तरीके से बर्बाद कर दोगे ,तो जीवन में कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकोगे . तुम्हारे माता पिता को तुमसे बड़ी बड़ी आशाएँ हैं ,उन्हें पूरा करना तुम्हारा कर्तव्य है . अतः आशा है कि तुम मेरी बात को गंभीरता को समझते हुए अच्छे मित्रों की संगती करोगे . अपने माता पिता को मेरा चरण स्पर्श कहना .

तुम्हारा मित्र

रमेश

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