samay ka sadupyog in only 200 words
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लोगों ने समय को ही सबसे बड़ा धन माना ? पर समय धन से भी अधिक कीमती है। खोया हुआ धन तो दोबारा पाया जा सकता है परन्तु एक बार जो समय बीत जाय वो वापस लौटकर नहीं आता। समय परिवर्तनशील है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। समय के परिवर्तन से कुछ भी मुक्त नहीं है। मनुष्य का जीवन क्षण-भंगुर होता है और कार्य ज्यादा और कठिन होते हैं। इसलिए हम अपने जीवन का एक भी मिनट बर्बाद नहीं कर सकते हैं। यहां तक की हर सांस, हर सेकेण्ड का भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए। हमें विद्यालय सम्बन्धी कार्य, गृहकार्य, आराम करने का समय, मनोरंजन, व्यायाम इन सभी कार्यों को सही ढंग से योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए।
हमें समय बरबाद नहीं करना चाहिए। वास्तव में कोई भी समय की खराब नहीं कर सकता। यह केवल हम ही हैं जी समय द्वारा बेकार कर दिए जाते हैं। समय की व्यवस्था होना बहुत जरुरी है। इतिहास के सभी महान लोगों ने अपने समय का एक-एक क्षण बहुत ही लाभदायक और व्यवस्थित तरीके से प्रयोग किया जिससे इतिहास में उनका नाम अमर हो गया।
हमने महान आविष्कार किये हैं। आश्चर्यजनक चीजों की खोज की, तथा समय की धारा में अपने पदचिन्ह छोड़ दिए। वास्तव में खाली समय का भी सदुपयोग किया जा सकता है। खाली समय का उपयोग कुछ प्राप्त करने की चाहत व स्वस्थ अर्थपूर्ण रुचियों में किया जा सकता है। हम किताबें पढ़कर, संगीत सीखकर या कुछ और जरुरी काम करके समय बिता सकते हैं। बच्चों साथ खेलना, बगीचों में फूल लगाना या अपने खाली समय में कुछ भी करना सीख सकते हैं। समय को न तो रोका जा सकता है और न ही इस पर किसी का जोर चलता है और न ही समय को वापस लाया जा सकता है। समय शाश्वत एवं सर्वज्ञ है। इस प्रकार हमें समय का महत्त्व समझना चाहिए। अगर हम समय का सही उपयोग कर सकें तो समय ही सफलता की वास्तविक कुंजी है। इसकी कोई सीमा नहीं है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर यह बहुत सीमित है।
मानव जीवन में समय का अत्यधिक महत्त्व है। समय को सही पहचानना ही समय का सदुपयोग है। समय निरन्तर गतिशील है। समय के साथ चलना प्रगति और रुकने का अभिप्राय मृत्यु हैं। मेसन ने कहा है – “जिस प्रकार स्वर्ग का प्रत्येक अंश मूल्यवान होता है उसी प्रकार समय का प्रत्येक भाग बहुमूल्य होता है।”
समय रथ-चक्र की भांति निरन्तर भागता रहता है। वह किसी के रोके नहीं रुकता। वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। जैसे मुंह से निकली बात वापिस नहीं ली जा सकती, टूटे फूल को डाली से नहीं जोड़ा जा सकता, खेती के सूख जाने पर वर्षा का कोई लाभ नहीं होता, उसी प्रकार समय के निकल जाने पर किसी कार्य का कोई लाभ नहीं होता। जो समय को पहचानता है, समय उसे पहचान देता है। समय का सही सदुपयोग कर श्रीकृष्ण ने महाभारत में पाण्डवों को विजय – श्री दिलाई, श्रीमती इन्दिरा गाँधी ने देश का सफलता पूर्वक संचालन किया, जगदीश चन्द्र बसु, थामस एडीसन, चन्द्रशेखर वेंकट रमन आदि ने महत्त्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज करके विश्व प्रसिद्धि प्राप्त की।
समय के महत्त्व को न समझने अथवा समय के चूक जाने पर भयंकर परिणाम सामने आते हैं। जैसे – नेपोलियन की हार। समय पर सचेत न होने के कारण भारत को 200 वर्षों तक की अंग्रेजी गुलामी सहनी पड़ी। शेक्सपीयर ने भी कहा है – “मैंने समय को बरबाद कर दिया और अब समय मुझे बरबाद कर रहा है।”
जीवन में प्रत्येक क्षण समय का महत्त्व है, लेकिन विद्यार्थी जीवन में इसका विशेष महत्त्व है। जो छात्र पड़ने के समय खेल-कूद और मौज-मस्ती करते हैं, वे फेल हो जाते हैं या कम अंकों से पास होते हैं। भविष्य में कुछ बनने की आशाएं धूमिल हो जाती हैं। वह छात्र जो प्रतिदिन पढ़ता है, अच्छे अंक प्राप्त कर निरन्तर प्रगति की ओर अग्रसर होता है, ऐसा छात्र ही नेता, दार्शनिक, वैज्ञानिक, इंजिनियर, डॉक्टर इत्यादि बनकर राष्ट्र की प्रगति में सहयोग देता हैं।