Samay ke upar prernadayak dohe
Answers
समय के ऊपर दो कुछ प्रेरणादायक दोहे
समय लाभ सम लाभ नहिं, समय चूक सम चूक
चतुरन चित रहिमन लगी, समय चूक की हूक
भावार्थ — हमेशा समय का तुरंत लाभ उठाना चाहिये। क्या पता वो अच्छा समय फिर आये या न आये। समय को अवसर मिलने पर लाभ उठाने से चूक जाने हमेशा के लिये पछताना पड़ सकता है। जो लोग समझदार हैं, यदि गलती से वे समय का लाभ उठाने से चूक जाते हैं तो उनके मन उस चूक की कसक लगी रहती है और वो इससे सबक लेते हैं और आगे गलती नही करते।
समय पाय फल होत है, समय पाय झरि जात
सदा रहै नहीं एक सी, का रहीम पछतात
भावार्थ — समय सदा एक सा नही रहता है। समय में परिवर्तन होता रहा है। जैसे उपयुक्त समय आने पर पेड़ लगता है और फिर वो फल झड़ जाते है। हमेशा एक सी अवस्था नही रहती। जीवन में भी एक सी अवस्था नही रहती इसलिये समय के बदलते रहने का अफसोस नही करना चाहिये।
गया समय आता नही, करनी को कर आज।
मत कर सोच-विचार तू, करले अपने काज।
भावार्थ — समय किसी का इंतजार नही करता। एक बार समय चला जाये तो वो फिर वापस नही आने वाला। इसलिये जो समय का इंतजार न करके जो करना वो आज ही कर डालना चाहिये। ज्यादा सोच-विचार नही करना चाहिये, और अपने कार्य समय रहते ही पूरा कर लेना चाहिये।