Samay nasth karne ke duspariman
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समय की बर्बादी करने वाला स्वयं बर्बाद हो जाता है। समय को हलके, मध्यम या उत्तम काम में खर्च करते हैं तो बदले में भी वैसा ही फल प्राप्त होता है। परम श्रेष्ठ परमात्मा के लिए समय खर्च करने से आप परमात्म-मय हो जाते हैं।
यह बात पंडित घीसालाल नागदा ने कही। वे शहर के रामघाट मंदिर परिसर में संगीतमय श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ में सोमवार को प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आपका समय इतना बहुमूल्य है कि समय देकर आप दुनिया की सब चीजें प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन दुनिया की सब चीजें न्यौछावर करके भी आप बीती हुई आयु का सौवां हिस्सा भी वापस नहीं पा सकते। पचास-साठ साल, अस्सी साल देकर आपने जो कुछ भी एकत्र किया, वह सब का सब आप दे दें, फिर भी पचास-साठ घंटे तो क्या पांच मिनट भी आप अपनी आयु नहीं बढ़ा सकते। इसलिए अपने अमूल्य समय को व्यर्थ न गंवाए उसका भरपूर सदुपयोग करें। जो लोग गपशप में, विषय-भोग में, कामनाओं की पूर्ति में समय को नष्ट कर देते हैं, वे लोग बड़ी गलती करते हैं।
जीवन में शरीर और मन की स्वस्थता आवश्यक है। घर, गांव क्षेत्र और शुभा शुभ कर्म पुन: प्राप्त हो सकते हैं। लेकिन मनुष्य-शरीर पुन: प्राप्त नहीं हो सकता। इसलिए मनुष्य को सदैव सेहत का ध्यान रखते हुए पुण्य का अर्जन करते रहना चाहिए।
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