समय बहुत मूल्यावान होता है। यह बीत जाए तो लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके भी इसे वापस नहीं लाया जा सकता। इस
संसार में जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है और जिसने समय की बर्बादी की, वह खुद
ही बर्बाद हो गया है। समय का मूल्य उस खिलाड़ी से पूछिए, जो सेकंड के सौवे हिस्से से पदक चूक गया हो। स्टेशन पर
खड़ी रेलगाड़ी एक मिनट के विलंब से छूट जाती है। आजकल तो कई विद्यालयों में देरी से आने पर विद्यालय में प्रवेश भी
नहीं करने दिया जाता। छात्रों को तो समय का मूल्य और भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस जीवन की कद्र
करके वे अपने जीवन के लक्ष्य को पा सकते हैं।
1. उपर्युक्त गधांश से नीचे दिए गए प्रश्नों का उत्तर दे। 5x2-10
क) गद्यांश में किसे और क्यों मूल्यवाने बताया गया है?
ख) समय को महत्त्व देने वालों का जीवन कैसा होगा?
(ग) कौन व्यक्ति स्वयं बर्बाद हो जाता है?
घ) “समय का हर पल कीमती होता है। इस कथन के लिए गद्यांश में
कौन-सा उदाहरण पेश किया गया है?
ड) इस गद्यांश से हमें क्या प्ररेणा मिलती है?
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क)गद्यांश ने समय को मुल्यवान बताया है , क्योंकि यह बीत जाए तो कभी वापस नहीं आता।
ख ) इस संसार में जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है ।
ग)जिसने समय की बर्बादी की, वह खुद
ही बर्बाद हो गया है।
घ )इस कथन के लिए गद्यांश में खिलाड़ी का उदाहरण पेश किया गया है, जो सेकंड के सौवें हिस्से के अंतर से पदक नहीं जीत सका था।
ड) हमें इस गद्यांश से यह प्रेरणा मिलती है। के समय बहुत कीमती है हमें इसे व्यर्थ नहीं करना चाहिए ।
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