“समय बलवान होता है” निबंध लिखिए
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कृपया ध्यान रखें : -
- जो समय को बर्बाद करता है , समय उसको बर्बाद कर देता है। इसलिए समय का सही उपयोग कीजिए और दुनिया को जीत लीजिए।
- लोग कहते हैं कि समय से पहले और भाग्य से अधिक न किसी को मिला है और न किसी को मिलेगा , लेकिन आप समय के साथ चलकर देखिए।
- कठिन काम थोड़ा समय लेता है इसलिए खुद पर विश्वास कीजिए और योजना के साथ उसे करने की ठान लीजिए।
- समय का सही इस्तेमाल कीजिए और मौके का फायदा उठाइए , फिर आप विजेता बन सकते हैं।
- हर व्यक्ति के जीवन में सफलता पाने के लिए ईश्वर तीन अवसर देता है। पहला बचपन में , दूसरा जवानी में और तीसरा बुढ़ापे में। लेकिन सफल वही होता है , जो किसी भी एक अवसर का समय रहते लाभ उठाता है।
- आपका दिमाग एक समय में केवल एक ही विचार रख सकता है , जो सकारात्मक भी हो सकता है और नकारात्मक भी , लेकिन आप नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदल सकते हैं , क्योंकि आप सब कुछ कर सकते हैं।
- समय आने पर ही गुणों की परख होती है , इसलिए गुणों को उजागर करने के लिए उचित समय की प्रतीक्षा कीजिए।
- समय एक तरह से धन है , जिसे या तो खर्च किया जा सकता है या उसका निवेश किया जा सकता है। यदि आप समय का समझदारी से निवेश करते हैं , तब आप सफल हो सकते हैं।
- पैसे की जरूरत समय के साथ बदलती रहती है , लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस वक्त आपका जीवन किस पड़ाव पर है और सफलता पाने के लिए आप कौन सा विकल्प चुनते हैं।
- संसार में सिर्फ चार अज्छी आदतें हैं , यानी समय का पालन , यथार्थ दृष्टि , कर्तव्यपरायणता और कार्य कुशलता। इन्हीं चार आदतों के बल पर मनुष्य सफलता प्राप्त करता है।
काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।
पल में परलै होय गी, बहुरी करेगा कब ।।
उपर्युक्त पंक्तियां समय की महत्ता को बताती हैं । समय ही सफलता की कुंजी है। समय का चक्र अपनी गति से चल रहा है या यूं कहें कि भाग रहा है। अक्सर इधर-उधर कहीं न कहीं, किसी न किसी से ये सुनने को मिलता है कि क्या करें समय ही नही मिलता। वास्तव में हम निरंतर गतिमान समय के साथ कदम से कदम मिला कर चल ही नही पाते और पिछङ जाते हैं। समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं ।
विकास की राह में समय की बरबादी ही सबसे बङा शत्रु है। एक बार हाथ से निकला हुआ समय कभी वापस नही आता है। हमारा बहुमूल्य वर्तमान क्रमशः भूत बन जाता है जो कभी वापस नही आता। सत्य कहावत है कि बीता हुआ समय और बोले हुए शब्द कभी वापस नही आ सकते। हमें किसी भी काम को कल पर नही टालना चाहिए क्योंकि आज का कल पर और कल का काम परसों पर टालने से काम अधिक हो जायेगा। बासी काम, बासी भोजन की तरह अरुचीकर हो जायेगा। समय जैसे बहुमूल्य धन को सोने-चाँदी की तरह रखा नही जा सकता क्योंकि समय तो गतिमान है। इस पर हमारा अधिकार तभी तक है जब हम इसका सदुपयोग करें अन्यथा ये नष्ट हो जाता है। समय का उपयोग धन के उपयोग से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी की सुख-सुविधा इसी पर निर्भर है।
समय का प्रबंधन प्रकृति से स्पष्ट समझा जा सकता है। समय का कालचक्र प्रकृति में नियमित है। दिन-रात, ऋतुओं का समय पर आना-जाना है । यदि कहीं भी अनियमितता होती है तो विनाष की लीला भी प्रकृति सीखा देती है। समय की उपेक्षा करने पर कई बार विजय का पासा पराजय में पलट जाता है। नेपोलियन ने आस्ट्रिया को इसलिए हरा दिया कि वहाँ के सैनिकों ने पाँच मिनट का विलंब कर दिया था, लेकिन वहीं कुछ ही मिनटो में नेपोलियन बंदी बना लिया गया क्योंकि उसका एक सेनापति कुछ विलंब से आया। वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन की पराजय का सबसे बङा कारण समय की अवहेलना ही थी। कहते हैं खोई दौलत फिर भी कमाई जा सकती है। भूली विद्या पुनः पाई जा सकती है किन्तु खोया हुआ समय पुनः वापस नही लाया जा सकता सिर्फ पश्चाताप ही शेष रह जाता है।
समय के गर्भ में लक्ष्मी का अक्षय भंडार भरा हुआ है, किन्तु इसे वही पाते हैं जो इसका सही उपयोग करते हैं। जापान के नागरिक ऐसा ही करते हैं, वे छोटी मशीनों या खिलौनों के पुर्जों से अपने व्यावसायिक कार्य से फुरसत मिलने पर नियमित रूप से एक नया खिलौना या मशीनें बनाते हैं। इस कार्य से उन्हे अतिरिक्त धन की प्राप्ति होती है। उनकी खुशहाली का सबसे बङा कारण समय का सदुपयोग ही है।
समय तो उच्चतम शिखर पर पहुँचने की सीढी है। जीवन का महल समय की, घंटे-मिनटों की ईंट से बनता है। प्रकृति ने किसी को भी अमीर गरीब नही बनाया उसने अपनी बहुमुल्य संपदा यानि की चौबीस घंटे सभी को बराबर बांटे हैं। मनुष्य कितना ही परिश्रमी क्यों न हो परन्तु समय पर कार्य न करने से उसका श्रम व्यर्थ चला जाता है। वक्त पर न काटी गई फसल नष्ट हो जाती है। असमय बोया बीज बेकार चला जाता है। जीवन का प्रत्येक क्षण एक उज्जवल भविष्य की संभावना लेकर आता है। क्या पता जिस क्षण को हम व्यर्थ समझ कर बरबाद कर रहे हैं वही पल हमारे लिए सौभाग्य की सफलता का क्षण हो। आने वाला पल तो आकाश कुसुम की तरह है इसकी खुशबु से स्वयं को सराबोर कर लेना चाहिए। ये कहना अतिशयोक्ति न होगी कि, वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतिक्षा नही करतीं। हमारा कर्तव्य है कि हम समय का पूरा-पूरा उपयोग करें।
अब हम समय के नियोजन के बारे मे विचार करते हैं । मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया के अनुसार
“ किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक क्रियाकलापों के बारे में चिन्तन करना नियोजन कहलाता है।“
इस तरह से यदि हम अपने समय का सही सदुपयोग और उसका सही नियोजन करें तो हम निश्चित तौर पर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ेंगे । किसी ने ठीक ही कहा है –
समय के साथ चल प्यारे ।
नहीं तो हाथ मल प्यारे ।
समय बलवान होता है,
“प्रखर” इससे सभी हारे ॥