समय बड़ा बलवान निबंध लेखन
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हम सभी के जीवन में समय का बड़ा महत्व है ! जिसने जीवन में समय के महत्व को जान लिया उसका जीवन सफल हो गया !मनुष्य को समय के साथ चलना पड़ता जो समय के साथ नहीं चला वह पीछे रह जायगा !अच्छा व् बुरा समय हरेक के जीवन में आता है जिसने बुरे समय पर विजय प्राप्त कर ली वह हमेशा यशस्वी होता है ! जिसने बुरे समय को अपने उपर हावी होने दिया वह व्यक्ति उपर नहीं उठ पायेगा ! समय बहुत चंचल है अच्छा हो या बुरा ज्यादा समय किसी के पास नहीं टिकता है ! अच्छा समय शीघ्र ही कट जाता है लेकिन बुरे समय को काटना पड़ता है और यदि बुरे समय को काटने की शक्ति नहीं जुटा पाए तो वह मनुष्य को ही काट देता है अर्थात मनुष्य आत्महत्या भी कर बैठता है!
राजा हो या रंक सभी को समय के आगे नतमस्तक तो होना ही पड़ता है ! यह समय ही था जिसके कारण राजा राम को चौदह वर्षों का वनवास भोगना पड़ा ! समय यदि सही नहीं है तो हर सीधा दाव भी उल्टा पड़ता है और समय सही है तो व्यक्ति कुछ भी करे सही ही हो जाता है ! इसलिए गीता में भी कहा गया है कि" समय बड़ा बलवान वही अर्जुन वही बाण" !समय की एक और खासियत है , कि समय के पंख भी होते हैं और तब यह उड़ भी सकता है और समय रेंग भी सकता है !जब हम परीक्षा हाल में पेपर हल कर रहे होते हैं तो हमे समय का पता ही नहीं चलता ऐसे लगता है जैसे समय को पंख लग गए हों तीन घंटे कब बीत जाते हैं पता नहीं लगता , लेकिन जब हम स्टेशन पर या बस स्टाप पर ट्रेन या बस का इंतजार कर रहे होते हैं और तभी पता लगता है की ट्रेन या बस लेट है , तो लगता है जैसे समय रेंग रहा हो ! बहुत से कालेजों में तो "समय प्रबन्धन" एक विषय के रूप में भी पढ़ाया जाता है ! हमे जीवन में यह भी अच्छी तरह ज्ञात होना चाहिए के किस काम के लिए कितना समय दिया जाना चाहिए क्योंकि समय की भी अपनी सीमा होती है ! इसीलिए जीवन में समय का सदुपयोग करना आना चाहिए जिसने समय कि महत्ता समझ ली और समय का सदुपयोग किया वही जीवन के हर मोड़ पर सफल होगा और जिसने समय का दुरूपयोग किया वह हाथ मलते रह जायेगा !कुछ लोग समय को भाग्य से जोड़ लेते हैं लेकिन भाग्य और समय दोनों अलग अलग हैं क्यों की कुछ लोग भाग्य में नही कर्म में विश्वास करते हैं !
अत: समय बहुत कीमती है इसे व्यर्थ नहीं गवाना चाहिए ! समय की कीमत समझने में ही बुद्धिमानी है !
समय बड़ा बलवान
' क्षण - क्षण काल इकट्ठा होकर लंबा युग बन जाता है ।
क्षण को क्षुद्र न समझो भाई , यह जग का निर्माता है ! '
जो मनुष्य अपने जीवन में समय की इज़्ज़त करते हैं , वे ही कामयाब होते हैं । यदि यह कहा जाए कि समय का सदुपयोग ही प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है , तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । समय मानव के लिए एक वरदान है , जो इसका सदुपयोग करता है , उसके लिए यह खुशियों और सफलता के ढेर लगा देता है । समय का दुरुपयोग करना पाप के समान है । जो मनुष्य समय का दुरुपयोग करते हैं , वे अवश्य ही अवनति के गर्त में समा जाते हैं ।
समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है । जीवन का जो समय व्यतीत हो गया है , वह कभी लौटकर नहीं आता है । इसलिए मनीषियों ने समय को पहचानने का उपदेश दिया है । समय जीवन है और समय को बर्बाद करना जीवन को बर्बाद करने के समान है । जो समय के साथ चलते हैं , वही अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हैं । संत , महात्माओं का भी यही कहना है कि मानव - जीवन बड़े भाग्य से मिलता है । " बड़े भाग मानुष तन पाता ; सुर दुर्लभ सब संतन्ह गावा । " कवयित्री मीरा बाई ने लिखा है - " नहिं ऐसो जनम बारंबार , बिरश्न के ज्यो पात टूटे , बहुरि न लागे डार । "
निश्चय ही मानव जीवन सत्कर्मों का ही फल है । कुछ लोग सुर दुर्लभ इस देह को आलस्य में नष्ट कर देते हैं । अगर हमने इसे नहीं पहचाना तो बाद में पछतावे के अलावा और कुछ हाथ लगने वाला नहीं है । फ्रैंकलिन ने कहा था , " अगर , तुम्हें अपने जीवन से प्रेम है , तो समय को व्यर्थ मत गँवाओ , क्योंकि जीवन इसी से बनता है । प्रवाहमान समय गंगा की अबाध धारा के समान बहता रहता है । यह किसी के रोके नहीं रुक सकता है । इसको रोकने वाले नष्ट होकर किस गर्त में समा गए हैं , इसका पता आज तक नहीं चल पाया ।
जिसने समय की कीमत पहचान ली , समझो उसे सफलता की कुंजी मिल गई ।
गांधीजी के पास प्रतिदिन अनेक पत्र आते थे और वे हर पत्र का उत्तर अपने हाथ से लिखकर देते थे । नेहरु जी भी प्रधानमंत्री कार्यालय में आई हुई सभी फाइलों को प्रतिदिन निपटाते थे । हमें भी महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए । इनकी तरह समय - नियोजन करना चाहिए । ये लोग समय को व्यर्थ नहीं जाने देते थे ।
मानव का कर्तव्य है कि वह समय के महत्व तथा उसकी शक्ति को पहचाने । कवि रहीम के शब्दों में -
" समय - लाभ सम लाभ नहि , समय - चूक सम चूक ।
चतुरन चित रहिमन लगी , समय - चूक समय की हूक | |”
समय की कद्र करने वाले लोग ही अपनी तथा अपने परिवार व राष्ट्र की उन्नति करते हैं । समय के अनुसार कार्य करना दुधिमानों का कर्तव्य है । • •