समय के अलावा और कहां-कहां मूल्यवान होता है बताइए
Answers
Answer:
दुनिया में मूल्यवान वही होता है जो या तो दुर्लभ होता है या जिसका कुछ महत्त्व होता है और उसका तो मूल्य और अधिक होता है जिसका ना तो उत्पादन किया जा सकता है और ना ही उसे नियंत्रित किया जा सकता है ‘समय’ उनमें से सबसे प्रमुख है दुनिया में आने वाले प्रत्येक मनुष्य के पास एक निश्चित मात्रा में समय होता है जो उसके जन्म के लेने के समय से ही निरंतर एक नियमित गति से घटता जाता है और जो क्षण व्यक्ति एक बार जी लेता है वह दोबारा उस जीवन में लौटकर नहीं आता अतः समय अत्यंत ही मूल्यवान होता है लेकिन क्या सत्य उससे भी अधिक मूल्यवान होता है इसको जानने के लिए सबसे पहले यह जानना होगा कि वास्तव में सत्य क्या होता है।
सत्य शब्द संस्कृत के सत शब्द से निकला है जिसका अर्थ होता है शास्वत, वास्तविक या यथार्थ सत्य वास्तव में एक नैतिक मूल्य होता है जिस पर मानव समाज टिका होता है, सत्य एक साथ साध्य और साधन दोनों है जिसके द्वारा जिसको प्राप्त करने के लिए प्राचीन काल से लोगों द्वारा प्रयास किया जाता रहा है।
सत्य को अगर हम साधन के रूप में लेते हैं तो यह मनुष्य के प्राकृतिक अधिकारों जैसे स्वतंत्रता समानता आदि को प्राप्त करने का एक माध्यम है क्योंकि वही व्यक्ति अपने हित में स्वतंत्र रूप से विवेकशील निर्णय ले सकता है जिसे वास्तविकता का पूर्ण व सही ज्ञान हो तभी वह व्यक्ति वास्तव में स्वतंत्र माना जाएगा तभी व्यक्ति समाज में अपना उचित स्थान बनाए रख सकता है और तभी वह अपने खिलाफ किए जाने वाले कार्यों के विरुद्ध आवाजा उठा सकता है, साम्यवादी विचारधारा के अनुसार पृथ्वी पर जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य का पृथ्वी के प्रत्येक संसाधन पर बराबर का अधिकार होता है लेकिन आज समाज में हमें अत्यधिक असमानता देखने को मिलती है और यह असमानता कुछ लोगों के द्वारा अन्य लोगां के अधिकारों को हड़पकर वह उन्हें उनके प्राकृतिक अधिकारों के बारे में सत्य ना बनाने के कारण बनी हुई है अतः सत्य जानकर ही व्यक्ति धरती पर अपने प्राकृतिक अधिकारों को प्राप्त कर समानता का जीवन जी सकता है।
कहा जाता है कि सत्य के रास्ते पर चलने वाले की ही जीत होती है और इतिहास में इसके अनेकों उदाहरण भी हैं चाहे वह पौराणिक कथाओं में रावण के खिलाफ राम की विजय हो या महाभारत में पांडवों की या वास्तविक जीवन में महात्मा गांधी द्वारा सत्याग्रह के हथियार का प्रयोग कर भारत को आजादी दिलवाना हो सभी जगह सत्य की ही जीत हुई है लेकिन सत्य का रास्ता इतना आसान नहीं है सत्य को एक साधन के रूप में प्रयोग करने वालों को इसके लिए अत्यधिक मूल्य चुकाना पड़ा है जैसे राम को वनवास पांडवों को अपना राज्य व गांधीजी को अंग्रेजों का अमानवीय अत्याचार सहना पड़ा है इसी प्रकार आज भी पाखंड का विरोध करने व सत्य को उद्धाटित करने वाले बुद्धिजीवियों को सत्य की कीमत चुकानी पड़ती है और कई बार यह कीमत उनकी जान होती है अतः सत्य अत्यधिक मूल्यवान होता है इसीलिए शायद साहिर लुधियानवी जी ने कहा है
Explanation:
Hope it helps!!!!
Answer:
दुनिया में मूल्यवान वही होता है जो या तो दुर्लभ होता है या जिसका कुछ महत्त्व होता है और उसका तो मूल्य और अधिक होता है