समय काम आना। प्रश्न-(i) बाजार के जादू की तुलना किससे की गई है और व (i) बाज़ार के जादू का असर उतरने पर क्या होता है ? (ii) जादू की जकड़ से बचने का क्या उपाय है ? इकाई 10, पाठ 1 "बाजार" का गद्यांश क्रमांक 2 देखिए।
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(i) बाजार की चमक-दमक व उसके आकर्षण में फँसकर व्यक्ति खरीददारी करता है तो यही बाजार का जादू है। बाजार का जादू मनुष्य पर तभी चलता है जब उसके पास धन होता है तथा वस्तुएँ खरीदने की निर्णय क्षमता नहीं होती। वह आराम वे अपनी शक्ति दिखाने के लिए निरर्थक चीजें खरीदता है।
(ii) बाज़ार का जादू चढ़ने और उतरने पर मनुष्य पर क्या-क्या असर पड़ता है? उत्तर:- बाज़ार का जादू चढ़ने पर मनुष्य बाज़ार की आकर्षक वस्तुओं के मोह जाल में फँस जाता है। बाजार के इसी आकर्षण के कारण ग्राहक सजी-धजी चीजों को आवश्यकता न होने पर भी खरीदने को विवश हो जाता है। इस मोहजाल में फँसकर वह गैरजरूरी वस्तुएँ भी खरीद लेता है।
(iii) बाजार के जादू अर्थात जकड़न से बचना है तो खाली मन लेकर नहीं जाना चाहिए इसका तात्पर्य यह है कि बाजार जाने वाले को पहले से यह पता होना चाहिए कि उसे बाजार से कौन सी आवश्यक वस्तु खरीदना है यह पता होने पर वह अनावश्यक वस्तुओं खरीदेगा नहीं है