समय के महत्व के बारे में पिता और पुत्री के बीच में संवाद
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पिताजी-- नहीं, बेटा मैं तुम पर चिल्ला नहीं रहा। तुम्हें बस सचेत कर रहा हूं कि तुम समय के साथ चलो। बेटा-- पिताजी समय रा महत्व है? ... बेटा-- समझ गया पिताजी मैं आपके बातों को अर्थात समय के महत्व को।
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पिता : देखो रमेश समय किसी के लिए नहीं रुकता और न ही बीता समय कभी लौटकर आता है अतः हमें समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए। हमारी हर सफलता, आशा और इच्छा समय पर ही निर्भर है। इसीलिए समय का सदुपयोग करना हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है। पुत्र : मैं समझ गया पिता जी, आगे से मैं कभी भी समय को बर्बाद नहीं करूँगा।
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