समय का सदुपयोग पर निबंध
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लॉकडाउन अर्थात तालाबंदी। इसके तहत सभी को अपने-अपने घरों में रहने की सलाह दी गई है जिसका सरकार की तरफ से कड़ाई से पालन भी करवाया जा रहा है। यह इसलिए जरूरी है, क्योंकि कोरोना वायरस नामक महामारी मानव जाति के इतिहास में पहली बार आई है।
अब पूरा देश इस वायरस से लड़ने के लिए अपने-अपने घरों में कैद हो गया है। इस महामारी के प्रकोप से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है और वो है सोशल डिस्टेंसिग यानी कि सामाजिक दूरी। यह संक्रमण एक से दूसरे इंसान तक बहुत तेजी से फैलता है जिसके कारण भारत सरकार ने लॉकडाउन को ही इससे बचने के लिए आवश्यक कहा है।
अर्थात लॉकडाउन एक आपातकालीन व्यवस्था है, जो किसी आपदा या महामारी के वक्त लागू की जाती है। जिस इलाके में लॉकडाउन किया गया है, उस क्षेत्र के लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है। उन्हें सिर्फ दवा और खाने-पीने जैसी जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए ही बाहर आने की इजाजत मिलती है। लॉकडाउन के वक्त कोई भी व्यक्ति अनावश्यक कार्य के लिए सड़कों पर नहीं निकल सकता।
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समय वह अमूल्य धन है जिसे भगवान ने हर जीवित प्राणी को उपहारस्वरूप दिया है। भगवान के दिये हुए इस वरदान का बुद्धिमान एवं परिश्रमी इंसान उपयोग करते हैं और आलसी व्यर्थ गंवा देता है।
समय का पहिया सदैव चलता रहता है। गया हुआ वक्त कभी वापस नहीं आता। कीमती है। उसका उपयोग करना सीखना ही उन्नति की कुंजी है। कहावत भी है- गया वक्त कभी हाथ नहीं आता।
समय का सदुपयोग करने के लिये, प्रत्येक कार्य को करने का समय निश्चित करना चाहिये। अगर हम सब काम समय पर कर लें तो पायेंगे कि हमारा जीवन कितना सुखद, शान्त और व्यवस्थित है। हमें कभी पछताना नहीं पड़ेगा। जो व्यक्ति समय का महत्व नहीं समझते, बेकार गप्पें मारते हैं, इधर उधर घूमते हैं, योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करते, वह जीवन की दौड़ में पिछड़ जाते हैं। उनका कोई काम समय पर पूरा नहीं होता। समय सूखी रेत की तरह हाथ से फिसल जाता है और वह हाथ मलते रह जाते हैं। समय निकल जाने के बाद हम कुछ नहीं कर सकते। तुलसीदास ने कहा है, ‘का वर्षा जब कृषि सुखानी’ अर्थात खेती सूखने के बाद वर्षा का कोई महत्व नहीं होता। इसी प्रकार समय निकलने के बाद हम कुछ नहीं कर सकते इसलिए हमें अपना हर काम समय पर समाप्त कर लेना चाहिए।
विद्यार्थियों के जीवन में समय का महत्व और भी अधिक है। जो विद्यार्थी सत्रारम्भ से ही नियमित पढ़ाई करने लगते हैं, व्यर्थ समय नहीं गंवाते। परीक्षा के समय उन्हें कोई घबराहट नहीं होती। पर्चा देखकर वह बगलें नहीं झांकते। वह अच्छे अंकों में उत्तीर्ण होते हैं और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता उनके कदम चूमती है।
संसार के जितने भी महान व्यक्तियों से हम परिचित हैं उनकी जीवनचर्या बताती है कि वह समय का मूल्य समझते थे। उन्होंने जीवन के प्रत्येक पल का उपयोग किया और समय ने उनको पूरा सम्मान दिया।
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