'समय का सदुपयोग' विषय पर एक अनुच्छे
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मनुष्य को समय का सदैव सदुपयोग करना चाहिए, समय व्यर्थ में व्यतीत करना मूर्खता है। हमारे जीवन में कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता अतः भविष्य के ऊपर कोई भी कार्य हमें नहीं छोड़ना चाहिए। समय के साथ जो चलता है वही कामयाब होता है। उसे जीवन में कभी पछतावा नहीं होता क्यूंकी वो सब कुछ हासिल कर लेता है।
समय का महत्त्व हर काम में होता है. इस article में हमने आपके लिए समय का सदुपयोग के विषय पर एक article नुक्ते बनाकर दिया है.|
मानव जीवन में समय का अत्यधिक महत्व है । समय के मूल्य को पहचानना ही समय का सदुपयोग है । बीता हुआ समय कभी लौट कर नहीं आता । समय किसी का दास नहीं हैं । वह अपनी गति से चलता है । समय का महत्व न पहचानने वाला व्यक्ति अपना ही सत्यानाश करता है । एक उर्दू के शायर ने भी लिखा है- “गया वक्त फिर हाथ नहीं आता”
समय सीमित है- मनुष्य जीवन में नपा-तुला ही समय होता है । जब हम अधिकांश समय व्यर्थ के कामों में नष्ट कर देते हैं तब हमें होश आता है । एक कहावत भी है- “अब पछताए क्या होत है जब चिड़िया चुग गई खेत ।”इसलिए प्रत्येक प्रबुद्ध व्यक्ति समय के महत्व को स्वीकार करता है । हमारा जीवन समय के परकोटे में बन्द है । ईश्वर ने जितना समय हमें दिया है उसमें एक क्षण की भी वृद्धि होना असम्भव है । जिस राष्ट्र के व्यक्ति समय के मूल्य को समझते हैं वही समृद्धिशाली होता है । समय का सदुपयोग करके निर्धन धनवान् निर्बल सबल और मूर्ख विद्वान बन सकता है ।
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:मनुष्य के जीवन में समय की महत्वपूर्ण भूमिका है । वह व्यक्ति जो समय के महत्व को समझता है वही इसका सही उपयोग कर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहता है । परंतु दूसरी तरफ वे लोग जो समय की महत्ता की अनदेखी करते हैं अथवा समय का दुरुपयोग करते हैं वे जीवन पर्यत असफलता ही पाते हैं ।
:समय उन्हें पतन की ओर धकेल देता है । अत: मनुष्य की सफलता और समय का सदुपयोग दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं प्रसिद्ध उक्ति है:
” का वर्षा जब कृषि सुखाने,
समय चूकि पुनि का पछिताने? ”
:प्रतिस्पर्धा के आधुनिक युग में तो समय की महत्ता और भी बढ़ गई है । आज समय गँवाने का अर्थ है प्रगति की राह में स्वयं को पीछे धकेलना । प्रत्येक क्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि जो पल एक बार गुजर जाते हैं वे कभी भी वापिस नहीं लौटते ।
:सफलता के लिए यदि व्यक्ति समय रहते प्रयास नहीं करता तो वह जीवन पर्यंत ठोकरें खाता रहता है और उसकी सफलता मृगतृष्णा की भांति उससे मीलों दूर रहती है । अत: यह आवश्यक है कि यदि संसार में हम एक अच्छा और सफल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो हम समय के महत्व को समझें और हर क्षण को उसकी पूर्णता के साथ जिएँ ।
:समय को यदि हम और विस्तृत रूप में समझें तो कह सकते हैं कि समय ही विश्व का निर्माता और विनाशक है । यह सदैव गतिमान है । किसी विशेष व्यक्ति के लिए यह कभी नहीं रुकता है । उसकी यह शाश्वत प्रकृति इस सृष्टि के आदि से है और भविष्य में शाश्वत बनी रहेगी ।
:कितने ही महापुरुष महामानव होते चले गए परंतु समय फिर भी चलता रहा वह कभी नहीं रुका । जो लोग समय के साथ चलते हैं वे जीवन में अपने पदचिहन छोड़ जाते हैं और समूचा विश्व उनका अनुकरण करता है । परंतु वे सभी लोग जो समय के महत्व को नहीं समझ सके अथवा समय के साथ न चल सके वे लुप्त हो गए ।
:विद्यार्थी जीवन में समय की उपयोगिता तो और भी बढ़ जाती है क्योंकि यह वह समय है जब मनुष्य के चरित्र का निर्माण होता है । इस अवस्था में यदि वह समय के महत्व को नहीं समझ पाता तो आगे उसे उसके महत्व को आत्मसात् करने में बहुत कठिनाई होती है ।
:वे सभी छात्र-छात्राएँ जो विद्यार्थी जीवन में समय के महत्व को समझते हुए इसका पूर्ण रूप से उपयोग करते हैं तथा लगन और परिश्रमपूर्वक शिक्षा ग्रहण करते हैं वे ही बड़े होकर ऊँचे व महत्वपूर्ण पदों पर पदासीन होते हैं । परंतु वे विद्यार्थीगण जो केवल खेल व कुसंगति में अपना समय नष्ट करते हैं वे जीवन पर्यत अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी जूझते रहते हैं ।
:जीवन में समय के सदुपयोग के लिए इसके महत्व को समझने के अतिरिक्त यह भी आवश्यक है कि हम अपने कार्य की प्राथमिकताओं के आधार पर अपने समय को बुद्धिमत्ता से विभाजित कर लें ताकि कार्य की महत्ता के अनुसार हम अपने सभी कार्यो को उचित समय दे सकें ।
:निरंतर कार्य भी हमें शारीरिक व मानसिक रूप से थका देता है इसलिए यह आवश्यक है कि उचित अंतराल के बाद हम विश्राम लेते रहें तथा मनोरंजन आदि के लिए भी समय निकालें जिससे हम पुन: स्कूर्तिवान हो सकें। गाँधी जी अपने मिनट-मिनट के समय का हिसाब रखते थे, साथ-साथ वे कुछ समय आराम के लिए भी निकाल रखते थे । अत: उचित आराम को समय का दुरुपयोग नहीं कहा जा सकता ।
:आज आधुनिक दौर में व्यक्ति प्रगति की राह पर इतनी तेज गति से चल रहा है कि समय को बाँधकर रखना नितांत आवश्यक है अर्थात् यह आवश्यक है कि समय रहते हम अपने कार्य को तुरंत पूर्णता प्रदान करें । ‘समय गया बात गई’ यह लोकोक्ति हमें संदेश देती है कि महत्ता समय की ही है ।
:समय रहते कार्य न किया गया तो बात नहीं बन सकती है । इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को समय की महत्ता समझते हुए ही कार्य करना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति समय को महत्व नहीं देता है समय (काल) भी उसे महत्वहीन कर देता है । जीवन का यही कटु सत्य है ।