Samikaran hal kijiye aalekh vidhi se nhi
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समीकरण (equation) प्रतीकों की सहायता से व्यक्त किया गया एक गणितीय कथन है जो दो वस्तुओं को समान अथवा तुल्य बताता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि आधुनिक गणित में समीकरण सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय है। आधुनिक विज्ञान एवं तकनीकी में विभिन्न घटनाओं (फेनामेना) एवं प्रक्रियाओं का गणितीय मॉडल बनाने में समीकरण ही आधारका काम करने हैं।
समीकरण लिखने में समता चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। यथा-
पार्स नहीं कर पाये (सिन्टैक्स त्रुटि): {\displaystyle 15 = a प्लस 12} .
समीकरण प्राय: दो या दो से अधिक व्यंजकों (expressions) की समानता को दर्शाने के लिये प्रयुक्त होते हैं। किसी समीकरण में एक या एक से अधिक चर राशि (यां) (variables) होती हैं।
चर राशि के जिस मान के लिये समीकरण के दोनो पक्ष बराबर हो जाते हैं, वह/वे मान समीकरण का हल या समीकरण का मूल (roots of the equation) कहलाता/कहलाते है।
ऐसा समीकरण जो चर राशि के सभी मानों के लिये संतुष्ट होता है, उसे सर्वसमिका (identity) कहते हैं। जैसे -
{\displaystyle (x+1)^{2}=x^{2}+2x+1}{\displaystyle (x+1)^{2}=x^{2}+2x+1}
एक सर्वसमिका है। जबकि
{\displaystyle (x+1)^{2}=2x^{2}+x+1}{\displaystyle (x+1)^{2}=2x^{2}+x+1}
एक समीकरण है जिसका मूल {\displaystyle x=0}{\displaystyle x=0} एवं {\displaystyle x=1}{\displaystyle x=1}.