Hindi, asked by goswamisoham5935, 1 year ago

Sample Essay on the Prohibition of Liquorin Hindi

Answers

Answered by Mohammadkamaluddin
0
नशाबन्दी पर निबन्ध | Essay on Prohibition of Liquor in Hindi!

जब नशीली आँखे, बदबू भरा मुख, लड़खड़ाते कदम, कीचड़ से सना शरीर और बहकती वाणी वाले व्यक्ति नजर आते हैं तब अच्छे मानव की आत्मा उसके हृदय को कचोटने लगती है । वह सोचने लगता है कि मद्य का सेवन मानव को मानव नहीं रहने देता ।

शराब के ऑक्सीकरण की क्रिया मुख्यत: यकृत (लीवर) में होती है । इससे यकृत पर बुरा प्रभाव पड़ता है । इसलिए शराबी व्यक्ति का यकृत प्राय: खराब रहता है और उसे ‘ सिरोसिस ‘ नामक बीमारी भी हो जाती है जो प्राण लेकर ही पीछा छोड़ती है । इससे चर्बी घटती है तथा त्वचा सख्त हो जाती है और काली पड़ने लगती है और चेहरे पर झुर्रियाँ पड़ने लगती हैं ।

स्मृति और पुराणों में शराब को बहुत बड़ा पाप बताया गया है । महात्मा बुद्ध और गाँधी आदि सभी ने शराब को खराब बतलाया है । स्वतंत्र भारत ने भी संविधान के भाग 4 की 47वीं धारा के अनुसार शराब का विरोध किया है । सौभाग्य से हमारे प्रधानमंत्री नशाबन्दी के लिए पूर्णत: दृढ़ता से कटिबद्ध हैं ।

गुजरात में ‘ मद्य निषेध ‘ कानून को पूर्णत: लागू कर दिया गया है । अन्य प्रदेशों में मद्य निषेध कानून लगाने के लिए क्रमिक कार्यक्रम बनाए गए हैं और उनका क्रमश: कार्यान्वयन हो रहा है ।

सौभाग्य से सरकार के इस ‘ मद्य निषेध ‘ अभियान में आज समाज भी पूर्णत: सहयोग दे रहा है । पुरुष ही नहीं अपितु महिलाएँ भी इस पुनीत कार्य में साथ दे रही हैं । नैनीताल नगर और समीप के ग्रामों की महिलाओं ने शराबबन्दी के लिए मौन जुलूस भी निकाला था ।

Similar questions