Sampreshan ka mehatv btate hue uske vibhinn modalo par prabhaav daliye
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व्यावसायिक अशाब्दिक संप्रेषण (non-verbal communication /NVC) से तात्पर्य सामान्यतः शब्द रहित संदेशों को भेजने एवं प्राप्त करने की संप्रेषण प्रक्रिया से है। अर्थात् भाषा ही संप्रेषण का एकमात्र माध्यम नहीं है, कुछ अन्य माध्यम भी हैं। इस प्रकार के संप्रेषण के लिए 'अवाचिक संप्रेषण', 'वाचेतर संपेष्रण'; 'अशाब्दिक संचार' आदि शब्दों का भी प्रयोग होता है। यह दो प्रकार के होते है
अशाब्दिक संप्रेषण को शारीरिक हाव-भाव एवं स्पर्श (हैपटिक संप्रेषण), शारीरिक भाषा एवं भावभंगिमा, चेहरे की अभिव्यक्ति या आँखों के संपर्क से भी संप्रेषित किया जा सकता है। एन वी सी (NVC) को वस्तु सामग्री संप्रेषण यथा - वस्त्र, बालों की स्टाइल या स्थापत्य, प्रतीकों व चित्रों के माध्यम से भी संप्रेषित किया जा सकता है। आवाज या वाणी में पैरालैग्वेज नामक अशाब्दिक तत्व सम्मिलित होते हैं जिनमें आवाज की गुणवत्ता, भावना, बोलने के तरीके के साथ-साथ ताल, लय, आलाप एवं तनाव जैसे छन्द शास्त्र संबंधी लक्षण भी सम्मिलित हैं। नृत्य को भी अशाब्दिक संप्रेषण माना जाता है। इसी तरह, लिखित पाठ में भी अशाब्दिक तत्व होते हैं जैसे - हस्तलेखन तरीका, शब्दों की स्थान संबंधी व्यवस्था या इमोटिकॉन (emoticons) का प्रयोग.
हालाकि, अशाब्दिक संप्रेषण का अधिकतर अध्ययन आमने-सामने की अंतःक्रिया (बातचीत) पर ध्यान केन्द्रित करता है, जहाँ इसे तीन प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जा सकता है - वातावरणिक दशायें जहाँ संप्रेषण घटित होता है, संप्रेषण का शारीरिक चरित्रचित्रण एवं अंतःक्रिया (बातचीत) के दौरान संप्रेषकों का व्यवहार.[1]
संप्रेषण का महत्व।
Explanation:
संप्रेषण यानी अपनी चिंताधाराओं को दूसरों के सामने सटीक रूप से प्रकट कर पाना। आज के समय में ये एक बेहतर और महत्वपूर्ण विषय बन गया है। क्योंकि अगर आपको सफल बनना है तो, आपको अपनी धारणाओं को दूसरों के सामने सकारात्मक ढंग से अच्छे तरीके से प्रकट करना आना चाहिए।
संप्रेषण में शालीनता, सभ्य, भद्रता, दूसरों की मदद करना, नेतृत्व भावना आदि खास भूमिका निभाते है। इसलिए लोगों को इनके प्रति भी ध्यान देना चाहिए।