samvad lekhan in hindi on bhashtachar a short one plz..answer asap
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Hey !!
दो मित्र भ्रष्टाचार पर संवाद कर रहे है।
राम :- हेलो, हरीश तुम कैसे हो ?
हरीश :- में ठीक, हु दोस्त तुम कैसे हो ?
राम :- वैसे क्या तुमने आज की खबर देखी । भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है ।
हरीश :- हा दोस्त आजकल तो सब ही भ्रष्टाचारी है। सब आपना फायदा चाहते है। सारे सरकारी लोग भी भ्रष्टाचारी है।
राम :- और शरीफ लोग तो बीच मे फास गए है । उनकी तो हालात खराब है।
हरीश :- शिक्षा भी आज भ्रष्टाचातइयो के कारण डोनेशन जैसा बढ़ गया है।
राम :- इनके वजहसे गरिब बोहत गरिब हो रहा है , ओर आमिर धनवान ।
हरीश :- इन्हें सिर्फ हैम जैसे लोग ही सुधार सकते है, हमे इन्हें अधिक धन देना नही चाहिए और अगर मांग कर तो सीधा पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत करनी चाहिए। जिस से उन्हें सजा हो और भ्रष्टाचार काम हो सके।
राम :- भाई तुम ठीक कह रहे हो पर आजकल कई पुलिस भी इन लोगो से मिले होते है।
हरीश :- है वो भी है, भ्र्ष्टाचार दूर करने के लिए सबको साथ मिलकर सही कदम लेना होगा वार्ना भ्र्ष्टाचार कभी दूर नही होगा।
राम :- हा, चलो फिर मिलते है अभी क्लासेस जाना है वार्ना देर हो जाएगी।
हरीश :- ठीक है, फिर मिलते है अलविदा।
✡ धन्यवाद ✡
दो मित्र भ्रष्टाचार पर संवाद कर रहे है।
राम :- हेलो, हरीश तुम कैसे हो ?
हरीश :- में ठीक, हु दोस्त तुम कैसे हो ?
राम :- वैसे क्या तुमने आज की खबर देखी । भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है ।
हरीश :- हा दोस्त आजकल तो सब ही भ्रष्टाचारी है। सब आपना फायदा चाहते है। सारे सरकारी लोग भी भ्रष्टाचारी है।
राम :- और शरीफ लोग तो बीच मे फास गए है । उनकी तो हालात खराब है।
हरीश :- शिक्षा भी आज भ्रष्टाचातइयो के कारण डोनेशन जैसा बढ़ गया है।
राम :- इनके वजहसे गरिब बोहत गरिब हो रहा है , ओर आमिर धनवान ।
हरीश :- इन्हें सिर्फ हैम जैसे लोग ही सुधार सकते है, हमे इन्हें अधिक धन देना नही चाहिए और अगर मांग कर तो सीधा पुलिस स्टेशन जाकर शिकायत करनी चाहिए। जिस से उन्हें सजा हो और भ्रष्टाचार काम हो सके।
राम :- भाई तुम ठीक कह रहे हो पर आजकल कई पुलिस भी इन लोगो से मिले होते है।
हरीश :- है वो भी है, भ्र्ष्टाचार दूर करने के लिए सबको साथ मिलकर सही कदम लेना होगा वार्ना भ्र्ष्टाचार कभी दूर नही होगा।
राम :- हा, चलो फिर मिलते है अभी क्लासेस जाना है वार्ना देर हो जाएगी।
हरीश :- ठीक है, फिर मिलते है अलविदा।
✡ धन्यवाद ✡
noname13:
thanku soo much ria113
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सुनील: "नमस्ते मित्र, कैसे हो?"
सुशील: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।"
सुनील: "क्यों, क्या हुआ?"
सुशील: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।"
सुनील: "हाँ, ये तो सच है।"
सुशील: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"
सुनील: "क्यों?"
सुशील: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"
सुनील: "ये तो भ्रष्टाचार है।"
सुशील: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"
सुनील: "शायद इसीलिए देश में इतनी उन्नति होने के बावजूद बेरोज़गारी की समस्या हल नहीं हुई है।"
सुशील: "कल मैं किसी काम से एक फैक्ट्री देखने गया था।"
सुनील: "अच्छा।"
सुशील: "वहां मैंने देखा कि छोटी उम्र के अनेक बच्चे काम कर रहे थे। मुझे उनकी दशा देखकर बहुत दुःख हुआ।"
सुनील: "क्या तुमने उनसे बात भी करी?"
सुशील: "हाँ, मैंने एक बहुत छोटे लड़के से बात करी। वह देखने में बहुत दुबला पतला है। उसने बताया कि उसके माता पिता बहुत गरीब हैं। इसलिए वह स्कूल नहीं जा सकता और उसे अपना पेट भरने के लिए स्वयं श्रम करना पड़ता है।"
सुनील: "सच में यह तो बहुत दुःख की बात है।"
सुशील: "क्या तुम जानते हो कि चौदह और पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चों से इस प्रकार फैक्ट्री में काम करवाना कानून के विरूद्ध है।"
सुनील: "हाँ पर फिर भी लोग बिचारे बच्चों से काम करवाते हैं।"
सुशील: "आजकल सब जगह भ्रष्टाचार नज़र आता है।"
सुनील: "हाँ, देखो बाज़ार में इतनी नयी चीजें उपलब्ध हो गयी हैं और लोगों को शौपिंग में बड़ा मज़ा आता है पर उनमें से सही चीज़ चुनना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि उसमें भी धोखा हो सकता है।
Hope it helps
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Okay
सुशील: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।"
सुनील: "क्यों, क्या हुआ?"
सुशील: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।"
सुनील: "हाँ, ये तो सच है।"
सुशील: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"
सुनील: "क्यों?"
सुशील: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"
सुनील: "ये तो भ्रष्टाचार है।"
सुशील: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"
सुनील: "शायद इसीलिए देश में इतनी उन्नति होने के बावजूद बेरोज़गारी की समस्या हल नहीं हुई है।"
सुशील: "कल मैं किसी काम से एक फैक्ट्री देखने गया था।"
सुनील: "अच्छा।"
सुशील: "वहां मैंने देखा कि छोटी उम्र के अनेक बच्चे काम कर रहे थे। मुझे उनकी दशा देखकर बहुत दुःख हुआ।"
सुनील: "क्या तुमने उनसे बात भी करी?"
सुशील: "हाँ, मैंने एक बहुत छोटे लड़के से बात करी। वह देखने में बहुत दुबला पतला है। उसने बताया कि उसके माता पिता बहुत गरीब हैं। इसलिए वह स्कूल नहीं जा सकता और उसे अपना पेट भरने के लिए स्वयं श्रम करना पड़ता है।"
सुनील: "सच में यह तो बहुत दुःख की बात है।"
सुशील: "क्या तुम जानते हो कि चौदह और पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चों से इस प्रकार फैक्ट्री में काम करवाना कानून के विरूद्ध है।"
सुनील: "हाँ पर फिर भी लोग बिचारे बच्चों से काम करवाते हैं।"
सुशील: "आजकल सब जगह भ्रष्टाचार नज़र आता है।"
सुनील: "हाँ, देखो बाज़ार में इतनी नयी चीजें उपलब्ध हो गयी हैं और लोगों को शौपिंग में बड़ा मज़ा आता है पर उनमें से सही चीज़ चुनना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि उसमें भी धोखा हो सकता है।
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