samvad lekhan in hindi on corruption(at least 10 dialogues) . plz try to answer as soon as possible and in hindi.
Answers
सुजाता: रमनी मैं अच्छी हूँ। आज क्या खबर हैं?
रमनी: आज कल हमारे देश में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रही हैं। सरकारी कर्मचारी पैसों के बिना कोई काम नहीं कर रहे हैं।
सुजाता: हाँ आप सही हो। हमारे देश में बहुत काला धन है। अगर देश के सभी लोग सही तरह से कर चुकायेंगे तो देश की गरीबी मित जायेगी।
रमनी: अगर देश के सभी लोग कर चुकायेंगे भी हमारे देश की गरीबी नहीं मिटेगी।
सुजाता: अगर सभी देशवासी कर चुकायेंगे तो देश की गरीबी क्यूँ नहीं मिटेगी?
रमनी: हमारे भ्रष्टाचारी राजकीय नेताएँ के कारण देश की गरीबी कभी नहीं मिटेगी।
सुजाता: हाँ आप सही हो। हमारी देश की उन्नति कब होगी?
रमनी: हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ५०० और १००० रुपयों की विमुद्रीकरण करके देश में काले धन को दुर्बल बना दिया।
सुजाता: इससे हमारे देश की उन्नति होगी। हमारे देश के अच्छे दिन शुरु हो गया है।
रमनी: नक़दीरहित लेनदेन सुविधा सभी प्रवश किये हैं।इससे हमारे देश से भ्रष्टाचार मिट जायेगी।
सुजाता: मैं इन योजनाओं का समर्धन करती हूँ।
रमनी: मैं भी।
अशोक: "नमस्ते मित्र, कैसे हो?"
अनिल: "अरे क्या बतायें मित्र, आजकल ईमानदारी का जमाना नहीं है।"
अशोक: "क्यों, क्या हुआ?"
अनिल: "तुम तो जानते हो कि मेरा बेटा पढ़ने में कितना होशियार है।"
अशोक: "हाँ, ये तो सच है।"
अनिल: "उसने इतनी मेहनत करके डिग्री प्राप्त करी है, पर कोई उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है।"
अशोक: "क्यों?"
अनिल: "सब जगह सिफारिश की आवश्यकता है, यदि कोई बड़ा वी.आई.पी उसकी सिफारिश करेगा तभी उसे नौकरी मिल सकती हैं।"
अशोक: "ये तो भ्रष्टाचार है।"
अनिल: "इसीलिए तो कह रहा हूँ कि आजकल ईमानदारी से काम नहीं चलता है।"
अशोक: "शायद इसीलिए देश में इतनी उन्नति होने के बावजूद बेरोज़गारी की समस्या हल नहीं हुई है।"
अनिल: "कल मैं किसी काम से एक फैक्ट्री देखने गया था।"
अशोक: "अच्छा।"
अनिल: "वहां मैंने देखा कि छोटी उम्र के अनेक बच्चे काम कर रहे थे। मुझे उनकी दशा देखकर बहुत दुःख हुआ।"
अशोक: "क्या तुमने उनसे बात भी करी?"
अनिल: "हाँ, मैंने एक बहुत छोटे लड़के से बात करी। वह देखने में बहुत दुबला पतला है। उसने बताया कि उसके माता पिता बहुत गरीब हैं। इसलिए वह स्कूल नहीं जा सकता और उसे अपना पेट भरने के लिए स्वयं श्रम करना पड़ता है।"
अशोक: "सच में यह तो बहुत दुःख की बात है।"
अनिल: "क्या तुम जानते हो कि चौदह और पंद्रह वर्ष से कम उम्र के बच्चों से इस प्रकार फैक्ट्री में काम करवाना कानून के विरूद्ध है।"
अशोक: "हाँ पर फिर भी लोग बिचारे बच्चों से काम करवाते हैं।"
अनिल: "आजकल सब जगह भ्रष्टाचार नज़र आता है।"
अशोक: "हाँ, देखो बाज़ार में इतनी नयी चीजें उपलब्ध हो गयी हैं और लोगों को शौपिंग में बड़ा मज़ा आता है पर उनमें से सही चीज़ चुनना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि उसमें भी धोखा हो सकता है।"