samvad lekhan on barish
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बारिश पर संवाद लेखन
(दो दोस्त कमल और समीर अपने आमने-सामने स्थित घरों की बालकनी में खड़े हैं।)
कमल — अहा! कितना मजेदार और सुहावना मौसम है। बाहर देखो कितनी झमाझम बारिश हो रही है।
समीर — हाँ यार। मेरा तो मन करता है कि बाहर निकल जाऊँ और बारिश में खूब भीगूं।
कमल — ऐसा मत करना। नही तो तुम बीमार पड़ जाओगे।
समीर — थोड़ी देर भीगने से बीमार नही पड़ेंगे। तुम भी मेरे साथ चलो।
कमल — मैं तो तैयार हूँ लेकिन हम लोग की मम्मी लोग कहीं डांटे न।
समीर — अरे यार, बाद में थोड़ी डांट भी खा लेंगे, लेकिन ऐसा मस्ती का मौका छोड़ो नही।
कमल — तो फिर चलो। भीगने के बाद मेरा एक प्लान है।
समीर — क्या?
कमल — चाय-पकौड़े का। भीगकर आने के बाद कपड़े बदलकर मैं मम्मी से बोलकर चाय पकोड़े बनवाऊंगा। तुम भी आ जाना।
समीर — सच फिर तो बहुत मजा आयेगा।
कमल — तो फिर चलो थोड़ी दे बारिश में भीगकर मस्ती करते हैं।
समीर — हाँ चलो।