Samvad on note bandi in Hindi pls answer I’ll mark you as brainliest
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संवाद संवाद: देश में नोटबंदी का असर देखना है तो आम लोगों के बीच जाना होगा Dr SB Misra 11 Jan 2017 नोटंबदी पर गांव कनेक्शन के एडिटर इन चीफ का विश्लेषण। इस बात में सन्देह नहीं कि नोटबन्दी वर्ष 2016 की सबसे बड़ी घटना थी और इसका हमारे समाज की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ा है। यदि आप इस घटना को ममता बनर्जी, राहुल गांधी, अरविन्द केजरीवाल की नजरों से देखेंगे तो लगेगा देश में प्रलय आ गई है। इसके विपरीत यदि अरुण जेटली और स्वयं नरेन्द्र मोदी की नज़रों से देखेंगे तो लगेगा अब अच्छे दिन दूर नहीं। यदि आप नेताओं के भाषण छापने और इंटरनेट की जानकारी से दूर गाँव जाएं और किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी से प्रत्यक्ष बात करें तो वह आप बीती बताएगा और वही यथार्थ होगा। जब आप गाँव, शहर और कस्बों के लोगों से बात करेंगे तो पता चलेगा सब पर एक समान प्रभाव नहीं पड़ा है। किसान ने खेतों की बुवाई कर ली है, बच्चों को स्कूल भेजा है, सड़क पर भूखे-नंगे लोग नहीं दिखाई पड़ रहे हैं, अपराधों में कोई खास बढ़ोतरी नहीं है, आटा, दाल, चावल की मिलें काम कर रही हैं। मंत्रियों और अधिकारियों के लड़के जो शराब पीकर उद्दंडता कर रहे हैं वे न तो भूखे हैं और न नंगे। इतना जरूर है जिसके पास एक जोड़ी कपड़ा है वह दूसरी जोड़ी कपड़ा खरीदने की योजना नहीं बना रहा है, मकान बनाने या खरीदने का फिलहाल कोई विचार नहीं, गाय-भैंस खरीदने पर भी ध्यान नहीं। कुल मिलाकर विस्तार नहीं हो रहा लेकिन जीवन चलाने में संकट नहीं है।