samvad on topic praise between two persons
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सुशीला: "नमस्ते बहन, आज तुम बहुत सुंदर लग रही हो।"
सुनीता: "धन्यवाद, तुम्हारी प्रशंसा सुनकर मेरा मन खुश हो गया।"
सुशीला: "प्रत्येक व्यक्ति को अपनी प्रशंसा सुनना अच्छा लगता है।"
सुनीता: "चाहें वह बच्चा हो या व्यस्क, सबको अपनी प्रशंसा सुनकर खुशी होती है।"
सुशीला: "प्रशंसा में वह जादू है जो सबके दिलों को जोड़ सकता है। प्रशंसा करके लोग एक दूसरे के साथ मित्रता कर सकते हैं।"
सुनीता: "प्रशंसा, एक दुखी व्यक्ति को सुख देती है।"
सुशीला: "वह लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ावा देती है।"
सुनीता: "सचमुच प्रशंसा करना एक कला है, जिससे किसी के भी मन को जीतना संभव है।"
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