samvad related to today's fashion
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सविता: "आजकल के फैशन कितने अच्छे लगते हैं।"
श्रुति: "हाँ, पुराने ज़माने में सिर्फ सूती और ऊनी कपड़े होते थे। अधिक रंग और विकल्प नहीं थे।"
सविता: "उनकी अधिक देखभाल करनी पड़ती थी जैसे धोना, इस्त्री करना और संभालकर इस्तेमाल करना। इसलिए लोगों के पास सिर्फ दो चार जोड़े कपड़े होते थे जिनको वे प्रतिदिन दो तीन साल तक पहनते थे।"
श्रुति: "अब सिंथेटिक के कपड़े चलने लगे हैं। व्यक्ति हर अवसर के लिए अलग डिजाईन का कपड़ा खरीद सकता है। खेल कूद के लिए विशेष कपड़े होते हैं। पार्टी में जाने और किसी खास अवसर के लिए अलग अलग डिजाईन के कपड़े मिलते हैं। घर में आराम से रहने और काम करने के लिए भी भिन्न भिन्न कपड़े उपलब्ध हैं।
सविता: "हाँ और फैशन के अनुसार व्यक्ति किसी भी रंग का चयन कर सकता है।"
श्रुति: "अब लोगों के लिए प्रतिदिन बदलने वाले फैशन के साथ चलना संभव हो गया है क्योंकि ये कपड़े अधिक महंगे नहीं होते हैं।"
सविता: "अब एक ही कपड़े को सालों चलाने की आवश्यकता नहीं है। ये कपड़े आराम देह होते हैं। इनकी अधिक देखभाल नहीं करनी पड़ती। इन्हें इस्त्री करने की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि इनमें जल्दी सिकुड़न नहीं पड़ती।"
श्रुति: "फैशन के कारण हम जब चाहें अपना मन बहलाने के लिए कोई भी व्यक्तित्व अपना सकते हैं। स्कर्ट, जीन्स और पैन्ट्स पहनकर विदेशी शैली, या साड़ी और धोती पहनकर भारतीय शैली अपना सकते हैं।"सविता: "हम किसी भी प्रकार का हेयर स्टाइल बनवा सकते हैं। अपनी उम्र से कम उम्र के दिखाई दे सकते हैं।"
श्रुति: "फैशन की दुनिया सच में बहुत लुभावनी है।"