Hindi, asked by Vidu9nathrarachn, 1 year ago

Samvad topic demonetization

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Answered by lily16
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लखनऊ। नोट बंदी का व्यापक असर इस वक्त बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लाइन के तहत नकारात्मक अंदाज में देखा और प्रचारित किया जा रहा है। मगर केंद्र सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोट पर जिस तरह से पाबंदी लगाकर भ्रष्टाचार के दम पर जमा किए गए अकूत कालेधन को तबाह किया है वह काफी सराहनीय है। इस फैसले का व्यापक असर आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर भी देखने को मिलेगा। इससे भारतीय मुद्रा का विदेशों में प्रभुत्व और बढ़ जाएगा। हालांकि, इस फैसले को लेकर लोगों में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। फिर भी सभी को इसे स्वीकार करने की जरूरत है कि इस निर्णय का बड़े पैमाने पर सकारात्मक व नकारात्मक असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। हालांंकि, इस कदम से देश के असंगठित क्षेत्रों को कुछ समय के बाद मजबूती मिलेगी। है एक रिपोर्ट…

इस फैसले से पड़ रहे त्वरित प्रभाव

केंद्र सरकार के इस निर्णय से सबसे बड़ा असर फिलहाल आम लोगों पर पड़ा है। लोगों ने घर में रख रखे जमा रकम को बैंक में डिपॉजिट करा रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक बैंकों के बाहर लंबी कतार में वक्त गुजार रहे हैं। ऐसे में देश में मुद्रा की तरलता पर काफी सकारात्मक असर पड़ा है। बैकों के पास पर्याप्त मात्रा में कैश जमा हो रहा है। असंगठित क्षेत्रों मसलन लघु उद्योग में हलचल मच गई है। बड़ी करेंसी बंद हो जाने से काम प्रभावित हो रहा है। हालांकि, कैश मुहैया होने के बाद इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। धीरे-धीरे इसका असर भी सकारात्मक तौर पर दिखने लगेगा। हालांकि, दिहाड़ी मज़दूरों की दिनचर्या पूरी तरह से चरमरा गई है। इन हालातों में यह कहना उचित है कि बजट सत्र के इस क्वार्टर में इसका नकारात्मक असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर देखने को मिलेगा। मगर इस क्वार्टर के बाद लघु उद्योगों में आने वाली तेजी से जीडीपी में अगला तिमाही उछाल लेगा, जिससे हाल में दिखने वाली नकारात्मकता लोग भूल जा

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