Hindi, asked by rahuldangi3982, 1 month ago

सन् 1989 के बाद भारतीय राजनीति में आए बदलावों को समझाइए।

Answers

Answered by aastha3101
21

Answer:

में संसदीय और राष्ट्रपति आधारित लोकतंत्र राजनीतिक पार्टियों की उपस्थिति में ही काम कर सकते हैं। संविधान के अनुसार भारत का ढांचा अर्द्धसंघीय है और सरकार का प्रारूप संसदीय है। भारतीय समाज की विविधता भरी प्रकृति और इसके सामने आने वाली समस्याओं की पेचीदगी ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर कई पार्टियों को जन्म दिया। आजादी के बाद पांच से अधिक दशकों तक मामूली वैचारिक अंतर वाली कई राजनीतिक पार्टियां आईं। यदि हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को स्वाधीनता संग्राम में राष्ट्रीय आंदोलन मान लेते हैं तो हम देखते हैं कि इसमें विभिन्न हितों, वर्गों, समुदायों और जातियों का प्रतिनिधित्व था। लेकिन आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य भारत की आजादी हासिल करना था। जैसे ही वह उद्देश्य पूरा हुआ, कांग्रेस ने केंद्र तथा राज्यों में जवाबदेह सरकारें चलाने की चुनौती स्वीकार करने के लिए खुद को राजनीतिक पार्टी में बदल लिया।

Answered by Anonymous
3

Answer:

में संसदीय और राष्ट्रपति आधारित लोकतंत्र राजनीतिक पार्टियों की उपस्थिति में ही काम कर सकते हैं। संविधान के अनुसार भारत का ढांचा अर्द्धसंघीय है और सरकार का प्रारूप संसदीय है। भारतीय समाज की विविधता भरी प्रकृति और इसके सामने आने वाली समस्याओं की पेचीदगी ने राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर कई पार्टियों को जन्म दिया। आजादी के बाद पांच से अधिक दशकों तक मामूली वैचारिक अंतर वाली कई राजनीतिक पार्टियां आईं । यदि हम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को स्वाधीनता संग्राम में राष्ट्रीय आंदोलन मान लेते हैं तो हम देखते हैं कि इसमें विभिन्न हितों, वर्गों, समुदायों और जातियों का प्रतिनिधित्व था। लेकिन आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य भारत की आजादी हासिल करना था। जैसे ही वह उद्देश्य पूरा हुआ, कांग्रेस ने केंद्र तथा राज्यों में जवाबदेह सरकारें चलाने की चुनौती स्वीकार करने के लिए खुद को राजनीतिक पार्टी में बदल लिया।

Explanation:

Hope this helps you mate. Mark @aastha3101 as brainlist please.

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