Political Science, asked by maahira17, 10 months ago

सन् 2000-2003 के बीच संविधान में अनेक संशोधन किए गए। इस जानकारी के आधार पर आप निम्नलिखित में से कौन-सा निष्कर्ष निकालेंगे-
(क) इस काल के दौरान किए गए संशोधनों में न्यायपालिका ने कोई ठोस हस्तक्षेप नहीं किया।
(ख) इस काल के दौरान एक राजनीतिक दल के पास विशेष बहुमत था।
(ग) कतिपय संशोधनों के पीछे जनता का दबाव काम कर रहा था।
(घ) इस काल में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच कोई वास्तविक अंतर नहीं रह गया था।
(ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।

Answers

Answered by nikitasingh79
2

Answer:

दिए गए विकल्पों में से विकल्प (ङ) ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी सही उत्तर है।  

Explanation:

सन् 2000-2003 के बीच संविधान में अनेक संशोधन किए गए। इस जानकारी के आधार पर हम निम्नलिखित में से यह निष्कर्ष निकालेंगे - ये संशोधन विवादास्पद नहीं थे तथा संशोधनों के विषय को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच सहमति पैदा हो चुकी थी।

★★ 2002 में 86वां संशोधन पारित किया गया। इस संशोधन में शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार की सूची में शामिल किया गया।

2003 में 91वां संशोधन पारित किया गया। संशोधन में दल बदल कानून को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए संशोधन किया गया।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत के बारे में सही वाक्य को चिन्हित करें। गलत वाक्य को सही करे।

(क) संविधान में बुनियादी मान्यताओं का खुलासा किया गया है।

(ख) बुनियादी ढाँचे को छोड़कर विधायिका संविधान के सभी हिस्सों में संशोधन कर सकती है।

(ग) न्यायपालिका ने संविधान के उन पहलुओं को स्पष्ट कर दिया है जिन्हें बुनियादी ढाँचे के अंतर्गत या उसके बाहर रखा जा सकता है।

(घ) यह सिद्धांत सबसे पहले केशवानंद भारती मामले में प्रतिपादित किया गया है।

(ङ) इस सिद्धांत से न्यायपालिका की शक्तियाँ बढ़ी हैं। सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी बुनियादी ढाँचे के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया है।  

https://brainly.in/question/12152969

निम्नलिखित वाक्यों में कौन-सा वाक्य विभिन्न संशोधनों के संबंध में विधायिका और न्यायपालिका के टकराव की सही व्याख्या नहीं करता।  

(क) संविधान की कई तरह से व्याख्या की जा सकती है।  

(ख) खंडन-मंडन/बहस और मतभेद लोकतंत्र के अनिवार्य अंग होते हैं।  

(ग) कुछ नियमों और सिद्धांतों को संविधान में अपेक्षाकृत ज्यादा महत्त्व दिया गया है। कतिपय संशोधनों के लिए संविधान में विशेष बहुमत की व्याख्या की गई है।  

(घ) नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी विधायिका को नहीं सौंपी जा सकती।  

(ड़) न्यायपालिका केवल किसी कानून को संवैधानिकता के बारे में फैसला दे सकती है। वह ऐसे कानूनों की वांछनीयता से जुड़ी राजनीतिक बहसों का निपटारा नहीं कर सकती।

https://brainly.in/question/12152794

Answered by shreya2730
0

Answer:

d) ये सन्शोधन विवदास्पद नही थे तथा सन्शोधनोके विषय को लेकर विभिन्न राज्नितिच द्लो के बिच सहमती पैदा हो चुकी थी .

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