सन 57 में पुरानी तलवार चमक उठी पंक्ति द्वारा कवित्री क्या कहना चाह रही हैं
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सन 57 में पुरानी तलवार चमक उठी पंक्ति द्वारा कवित्री क्या कहना चाह रही हैं
“चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी। बुंदेले हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥”
सन 57 में पुरानी तलवार चमक उठी पंक्ति द्वारा कवयित्री बताना चाहती है कि चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी। यह पंक्ति रानी लक्ष्मी बाई की बहादुरी के लिए गई थी , रानी लक्ष्मी बाई ने अकेले अंग्रेजों से जंग जीती थी | रानी लक्ष्मीबाई ने सात दिन तक वीरतापूर्वक झांसी की सुरक्षा की और अपनी छोटी-सी सशस्त्र सेना से अंग्रेजों का बड़ी बहादुरी से मुकाबला किया। रानी ने खुले रूप से शत्रु का सामना किया और युद्ध में अपनी वीरता का परिचय दिया।
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सन 57 में पुरानी तलवार चमक उठी पंक्ति द्वारा कवित्री क्या कहना चाह रही हैं
“चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी। बुंदेले हरबोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥”
सन 57 में पुरानी तलवार चमक उठी पंक्ति द्वारा कवयित्री बताना चाहती है कि चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी। यह पंक्ति रानी लक्ष्मी बाई की बहादुरी के लिए गई थी , रानी लक्ष्मी बाई ने अकेले अंग्रेजों से जंग जीती थी | रानी लक्ष्मीबाई ने सात दिन तक वीरतापूर्वक झांसी की सुरक्षा की और अपनी छोटी-सी सशस्त्र सेना से अंग्रेजों का बड़ी बहादुरी से मुकाबला किया। रानी ने खुले रूप से शत्रु का सामना किया और युद्ध में अपनी वीरता का परिचय दिया।
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