Hindi, asked by mlal3426, 11 months ago

सनाचर पत्र के संपादक को अपन शहर की बसों की बिगड़ती हालत आरै अव्यवस्था के बारे में बताते हुए पत्र

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Answered by babusinghrathore7
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                                                                                    परीक्षा भवन,

                                                                                   विद्यालय कखग

                                                                                     जिला कखग

                                                                             दिनांकः 26 जुलाई, 2019.

    सेवा में,

    सम्पादक

    दैनिक भास्कर

     कखग।

मान्यवर,

यह पत्र आपके दैनिक भास्कर में प्रकाशनार्थ भेज रहा हूँ। आशा हैं कि इसे प्रकाशित कर अनुगृहीत करेंगे।

विषयः- बसों की बिगड़ती हालत और अव्यवस्था के क्रम में।

             कखग शहर में सिटी बसों की हालत बहुत खराब हैं। इनका कोई नियमित समय भी नहीं हैं और न हीं इनके रुकने की जगह और समय तय हैं। बस में सीटें फटी हुई और गंदी हैं तथा सवारियां से क्षमता से अधिक भरी जा रही हैं। बसों को तय गति सीमा से अधिक तेज भी भगाया जा रहा हैं। जिससे हर समय दुर्घटना का खतरा रहता हैं। किराया भी सूची से अधिक वसूला जा रहा हैं। इतनी सारी अव्यवस्थाओं के बावजूद कोई भी इन पर ध्यान नहीं दे रहा हैं। हमें आशा हैं कि आप इस समाचार को प्रकाशित कर जनसामान्य को राहत दिलाने में मदद करेंगे।

                                                                                           भवदीय

                                                                                            चछज

                                                                                      (छात्र कक्षा XII)

Answered by shishir303
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समाचार पत्र के संपादक को शहर की बसों की बिगड़ती हालत और अव्यवस्था के बारे में पत्र

                                                                                 

                                                        दिनांक – 26 जुलाई 2019

सेवा में,

संपादक महोदय,

नवभारत टाइम्स,

दिल्ली

                   विषय — बसों की अव्यवस्था पर पाठक की शिकायत

माननीय संपादक जी,

            मैं नवभारत टाइम्स का नियमित पाठक हूँ। मैं आपके समाचार पत्र के ‘पाठकों के पत्र’ कालम के माध्यम से अपने पत्र द्वारा अपने शहर में लोकल बस ट्रांसपोर्ट की बसों की बिगड़ती हालत और अव्यस्था की ओर संबंधित अधिकारियों का ध्यान दिलाना चाहता हूँ। हमारे शहर में बसों की सर्विस में निरंतर गिरावट आती जा रही है। बसें समय पर नही आती हैं, काफी इंतजार के बाद जब आती हैं तो एक ही रूट की बसें एक साथ तीन-चार आ जाती हैं। ड्राइवर और कंडक्टर का व्यवहार भी अभद्र होता जा रहा है। ड्राइवर स्टॉप के एकदम सामने बसे रोकते ही नही हैं, बल्कि बहुत आगे ले जाकर बसे रोकते हैं जिससे यात्रियों को दौड़कर बस तक जाना पड़ता है। बसों में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ लगी रहती है इस कारण बस ड्राइवर बहुत तेजी से बसे चलाते हैं जिससे दुर्घटना की आंशका बनी रहती है। एक बार मैं बस में चढ़ रहा था तो एक पैर ही बस के पायदान पर रख पाया था कि ड्राइवर ने बस चला दी और मैं नीचे गिर पड़ा। लोगों द्वारा शोर मचाने के बावजूद भी ड्राइवर ने बस नही रोकी बस भगा ले गया। मुझे काफी खरोंचे आईं। मैंने तुरंत बस डिपो जाकर शिकायत की लेकिन बस का नंबर न नोट पर पाने के कारण मुझे टाल दिया गया और कोई कार्रवाई नही हुई। बसों की अराजकता और अव्यवस्था ने हम यात्रियों के बीच आतंक मचा रखा है। कृपया संबंधित अधिकारी हमारी शिकायत पर गौर करें और बसों की व्यवस्था सुधारने की चेष्टा करें।

धन्यवाद

एक पाठक...

अतुल अग्निहोत्री

कर्मपुरा, दिल्ली

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