Hindi, asked by premrao204666, 1 month ago

सना सना हाथ जोड़ी के पाठ के आधार पर कथाओं की यात्रा का सौंदर्य​

Answers

Answered by Anonymous
1

Answer:

“साना-साना हाथ जोडि” पाठ में जितेन नोर्गे द्वारा लेखिका को सिक्किम की प्रकृति और भौगोलिक स्थिति एवं जन-जीवन के बारे में बताया गया कि-

गंगटोक की यात्रा में पूरे रास्ते हिमालय की गहनतम घाटियाँ और फूलों से भरी वादियाँ मिलेंगी। रास्ते में पाईन और धूपी के खूबसूरत पेड़ों के दर्शन होंगे। यहां के अविरल बहते झरने जगह जगह फूलों की चादर से ढकी वादियां,बर्फीली चोटियां आदि का अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है

यह घाटी प्रियुता और रूड़ो ड्रेडों के फूलों से सजी हुई है। यहां की श्वेत और रंगीन पताकाएं सभी को विस्मित करती हैं।

“कटाओ’ को प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर होने के कारण हिन्दुस्तान का स्विट्जरलैंड बताया। वहाँ ताजी बर्फ मिलती है। यहां की घाटियों में एक जादुई सम्मोहन है।

जितेन नोर्गे ने गंताम, यूमथांग, कवी लोंग स्टॉक, लायुंग, कटाओ आदि स्थानों के भौगोलिक स्वरूप की जानकारी दी। उसने लेखिका को वेगवती तीस्ता नदी का संगीत व आसमान में उड़ते बादलों की सुंदरता का आभास कराया। गंगटोक का सही नाम गंतोक बताया जिसका अर्थ है–पहाड़। जब यह भारत में विलय हुआ तो आर्मी कप्तान शेखर दत्ता ने इसे टूरिस्ट स्पॉट बनाने का सुझाव दिया।

जनजीवन-नोर्गे ने बताया कि यहाँ के लोग बहुत परिश्रमी हैं। यहाँ के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ शाम को अपनी माँ के साथ मवेशी चराने, पानी भरने, लकड़ियों के गट्ठर ढोने का काम भी करते हैं। वहाँ के लोग बौद्ध धर्म में आस्था रखते हैं। जब कोई अप्रिय घटना या मृत्यु हो जाती है तो किसी धार्मिक स्थान पर 108 श्वेत पताकाएँ फहराते हैं तथा किसी शुभ कार्य के अवसर पर 108 रंगीन पताकाएँ फहराते हैं। जितेन ने यह भी बताया कि प्रेयर व्हील घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं।

Similar questions