Hindi, asked by guptadevansh0906, 3 months ago

सनातनसंस्कृते: संरक्षणाय, संवर्धनाय च भारतवर्षे समय-समय
अनेके महात्मानः अभवन्। तेषु महर्षि दयानन्दः अन्यतमः आसीत्। अयं
महात्मा गुजरातप्रान्तस्य टंकारनगरे 1824 ईशवीये वर्षे जन्म अलभत्।
अस्य पितृवर्यः कर्षणाजीतिवारी मातृवर्या रुक्मिणी च आस्ताम्। अस्य
पिता कर्षणतिवारी महान् विद्वान् पण्डितः आसीत्। अस्य बालकालस्य
नाम मूलशंकरः आसीत्। मूलशंकर: यदा त्रयोदशवर्षीयः अभवत् तदा
जनकस्य आया अयं शिवरात्रिव्रतम् अकरोत्। रात्रौ पूजनसमये शिवोपरि
आरुढ नैवेद्यम् अश्लन्तम् एकं मूषकं स: अपश्यत। तदा in hindi translation​

Answers

Answered by simrankhemani50
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Answered by gangurdesnehal96
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Answer:

अपने देश के प्रति भारत भूमि के समय- समय पर अनेक महात्मा उसकी रक्षा करने के लिए, उसको बचाने तैयार रहते हैं। उनमे से एक हैं दयानंद।

वह गुजरात से थे उनका जन्म 1824 को हुआ था। उनके पिताजी का नाम कर्षणाजी तिवारी था और उनकी माता का नाम रुक्मिणी था। उनके पिताजी महान पंडित थे। उनका बचपन का नाम मुलशंकर था।

उनके जीवन में ऐसी बहुत सी घटनाएं हुईं, जिन्होंने उन्हें हिन्दू धर्म की पारम्परिक मान्यताओं और ईश्वर के बारे में गंभीर प्रश्न पूछने के लिए विवश कर दिया। एक बार शिवरात्रि की घटना है। तब वे बालक ही थे। शिवरात्रि के उस दिन उनका पूरा परिवार रात्रि जागरण के लिए एक मन्दिर में ही रुका हुआ था। सारे परिवार के सो जाने के पश्चात् भी वे जागते रहे कि भगवान शिव आयेंगे और प्रसाद ग्रहण करेंगे। उन्होंने देखा कि शिवजी के लिए रखे भोग को चूहे खा रहे थे।

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