Hindi, asked by siddhukr7249, 10 months ago

Sandarbh prasang bhavarth of veero ki pooja

Answers

Answered by shailajavyas
43

Answer:

संदर्भ : --- श्यामनारायण पाण्डेय द्वारा रचित "वीरों की पूजा "यह कविता वीर रस से पूरित है | इसके अंतर्गत कवि सन्यासी से वार्तालाप करते है और जिज्ञासा व्यक्त कर रहे है की सन्यासी चित्तौड़ की दिशा की ओर क्यों गमन कर रहा है ?

प्रसंग :---- कविता मे सन्यासी द्वारा चित्तौड़ के ऐसे वीरों और वीरांगनाओं की पूजा करने जाने का प्रसंग है जिन्होने अपने चित्तौड़ की गरिमा को बनाए रखने हेतु प्राण न्योछावर कर दिये और जौहर व्रत किया | {कविता में चित्तौड़ के अभूतपूर्व त्याग और बलिदान तथा जौहर (रानी पद्मावती ) का अपरोक्ष रूप से यशोगान किया गया है | }

भावार्थ  :-------------- कवि सन्यासी से पूछ रहे है कि " तुम इतनी सुबह- सुबह अपना थाल सजाकर किसकी पूजा करने जा रहे हो ?" तुमने रामनामी पीताम्बर पहन रखा है | कहीं तुम अपना रास्ता तो नहीं भूल गए ? " तुम्हारी थाली मे स्थित ये दीपक कहाँ जलेगा ? ये माला-फूल कहाँ चढेंगे ? यहाँ न तो गंगासागर है न ही प्रयाग ,न ही रामेश्वर,काशी और तुम्हारा कोई अन्य तीर्थ भी इस ओर नही है| " सन्यासी प्रत्युतर देता कि "मुझे गंगा सागर या रामेश्वर,काशी नहीं जाना | मेरी आंखे तो तीर्थराज चित्तौड़ को देखने को प्यासी है |

       जिस चित्तौड़ के अचल स्वतंत्र दुर्ग की शत्रु  (अलाउद्दीन खिलजी )से रक्षा के लिए जवानों की टोली तलवारे हाथ में लेकर निकल पडी | जहाँ माँ -बहनों की आन पर वीरों की मंडली ने माँ भवानी का स्वाभिमानी जयकारा लगाकर प्राणों की होली खेली |जहाँ  हमारी सुंदरियों ने देश की अस्मिता और अपनी गरिमा तथा सतीत्व की रक्षा के लिए जौहरव्रत कर लिया | जहां बच्चों ने भी देशहित के लिए अपनी जान की बाज़ी लगा दी उसी चित्तौड़ की भूमि को मै वंदन करने तथा उन सतियों की चरण धूलि को शीशपर चढ़ाने जा रहा हूँ  |वही मेरे माला फूल चढ़ेंगे और वही ये दीप जलेगा |" वस्तुत: वीरों की पूजा होनी चाहिए ये इस कविता का मूल भाव है | ऐसे वीर जो देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करते है ,वास्तव में वे वंदनीय एवं पूजनीय है |

Answered by anjanasharma751996
9

Answer:

झहरि झहरि झीनी बूंदनि परत मानो घहरि घहरि घटा छेरी है गगन में आनि कध्यो स्याम मोसो चलौ भूलिवे कौ आज फूली न समानी भई ऐसी हो गगन में

Explanation:

Similar questions