Hindi, asked by chhuikhadan79, 4 months ago

sandarbh prashang vyakhya लूट
लिया माली ने उपवन
लुटी न लेकिन गंध फूल की,
तूफानों तक ने छेड़ा पर
खिडकी बंद न हुई धूल की,
नफरत गले लगाने वालो !
सब पर धूल उड़ाने वालो !
कुछ मुखड़ों की नाराजी से दर्पण नहीं मरा करता है।​

Answers

Answered by princeuplucky123449
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Explanation:

sandarbh prashang vyakhya लूट

लिया माली ने उपवन

लुटी न लेकिन गंध फूल की,

तूफानों तक ने छेड़ा पर

खिडकी बंद न हुई धूल की,

नफरत गले लगाने वालो !

सब पर धूल उड़ाने वालो !

कुछ मुखड़ों की नाराजी से दर्पण नहीं मरा करता है।

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