sandesh lekan in Hindi formal
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संदेश क्या होते हैं ?
सन्देश शब्द की उत्पत्ति संस्कृत से मानी गई है। जिसका अर्थ है खबर या समाचार प्राप्त करना। जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश किसी दूसरे व्यक्ति से सीधे बात नहीं कर सकता है।तब वह कोई जानकारी या समाचार या खबर , संदेश के जरिये दूसरे व्यक्ति तक पहुंचता है। संदेश किसी व्यक्ति विशेष या किसी समूह द्वारा किसी व्यक्ति विशेष या समूहों को दिए जा सकते हैं।
Message Writing in hindi
ये संदेश लिखित या मौखिक दोनों हो सकते हैं। संदेश सुखद और दुखद दोनों तरह के होते है।कोई भी संदेश व्यक्तिगत व सामूहिक हो सकता है। संदेश भूतकाल , वर्तमान काल व भविष्य काल में लिखे जा सकते हैं।
संदेश लिखने के कारण
संदेश लिखने के कई कारण हो सकते हैं। संदेश औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह के हो सकते हैं। अनौपचारिक संदेश या व्यक्तिगत संदेश किसी अपने करीबी को कोई संदेश / सूचना देने के लिए लिखा जाता है। अनौपचारिक संदेश अपने परिजनों , मित्रगणों , रिश्तेदारों या घर के सदस्यों को लिखे जाते हैं।
औपचारिक संदेश किसी अधिकारी या किसी ऑफिस के किसी कर्मचारी या आम जनमानस के लिए सार्वजनिक रूप से लिखे जा सकते हैं। अगर संदेश किसी नेता या अभिनेता दारा दिया जाता है तो यह आम लोगों को प्रभावित करने के उद्देश्य से लिखा जाता है। यह सार्वजनिक संदेश हैं।
आजकल संदेश भेजने के सबसे बेहतरीन माध्यम व्हाट्सएप ,एसएमएस , ईमेल , फेसबुक ट्विटर आदि ऐसे अनेक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं जिनके जरिए संदेश भेज जा सकते है।
संदेश लेखन के प्रकार (Type of Message Writing)
संदेश निम्न प्रकार के होते हैं।
(1) शुभकामना संदेश
शुभकामना संदेश मुख्य रूप से किसी व्यक्ति के जन्मदिन , सालगिरह , विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने में , कर्मचारियों के पदोन्नति होने पर भेजे जाने वाले संदेशों को शुभकामना संदेश कहा जाता है।
(2) पर्व व त्यौहार संदेश
इस तरह के संदेश विशेष पर्वों व त्यौहारों के वक्त लोग एक दूसरे को भेजते हैं। जैसे दीपावली , होली , क्रिसमस , स्वतंत्रता दिवस के विशेष अवसरों पर दिए जाने वाले संदेश शामिल हैं।
(3) शोक संदेश
इस तरह के संदेश किसी व्यक्ति की पुण्यतिथि या मृत्यु पर लोगों को भेजे जाते हैं।
(4) व्यक्तिगत संदेश
परिजनों को बधाई व शुभकामना संदेश , कही जाने या आने का संदेश या किसी भी अन्य तरह का संदेश जो सिर्फ परिजनों को दिया जाता हैं ।
(5) सामाजिक संदेश
धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रमों से जुड़े आयोजनों के संदर्भ में दिए जाने वाले संदेश। पर्यावरण दिवस पर संदेश , जल बचाओ संदेश , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आदि अवसरों पर दिए जाने वाले संदेश भी महत्वपूर्ण होते हैं।
(6) मिश्रित संदेश
मिश्रित संदेश में जैसे वर्तमान में चल रही कोरोना महामारी से संबंधित , डेंगू , मलेरिया आदि से संबंधित संदेश या बाढ़ , भूकंप आदि से संबंधित संदेश या देश से जुड़ा हुआ कोई संदेश हो सकता हैं।
संदेश लेखन के वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
संदेश लेखन के वक्त निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
सबसे पहले संदेश को किसी सीमा रेखा जैसे बॉक्स या गोले के अंदर लिखा जाना चाहिए।
संदेश की शुरुआत में “संदेश” शब्द अवश्य लिखें। उसके बाद दिनांक , समय अवश्य लिखें।
फिर मुख्य विषय का कम लेकिन प्रभावशाली शब्दों वर्णन करें।
अंत में संदेश लिखने वाले का नाम अवश्य लिखें।
संदेश लेखन की शब्द सीमा 30 से 40 साल के बीच में होनी चाहिए।
अगर चित्रों का उपयोग करना उचित लगे तो , विषयानुसार किया जा सकता है।
अगर शायरी , दोहे , श्लोक या कविता की आवश्यकता हो तो , प्रयोग कर सकते हैं।
संदेश में रचनात्मक और सृजनात्मक होनी चाहिए।
संदेश सरल व संक्षिप्त शब्दों में प्रभावशाली व विषय के अनुसार लिखा जाना आवश्यक है।
विषय के अनुसार रंगों का भी प्रयोग किया जा सकता है।
संदेश के अंदर इधर उधर की बातें ना लिखकर , केवल विषय वस्तु पर ध्यान देना अति आवश्यक है।