Hindi, asked by tannutannu16289, 3 days ago

sandharb prasang sahit vyakhya kijiye
'मगर मुझे इस पेड़ के नीचे से तो निकालो!" दबे हुए आदमी ने कराहकर कहा।
उसकी साँस बड़ी मुश्किल से चल रही थी और उसकी आँखों से मालूम होता था
कि वह घोर पीडा और दुःख में पड़ा है। "यह हम नहीं कर सकते। सेक्रेटरी ने
कहा, "और जो हम कर सकते थे, वह हमने कर दिया।'​

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Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित गद्यांश की व्याख्या संदर्भ-प्रसंग सहित लिखिए

संदर्भ :यह गद्यांश जामुन का पेड़ पाठ से लिया गया है | कृश्न चंदर द्वारा लिखी गई है |

प्रसंग : गद्यांश में सेक्रेटेरियट के लाॅन में जामुन का एक गिर पड़ा था | सुबह जब माली ने देखा तो इसे मालूम पड़ा कि दरख़्त के नीचे एक आदमी दबा पड़ा है | आदमी सबसे कहता रहा मुझे पेड़ से निकालो लेकिन उस किसी ने पेड़ के नीचे नहीं निकाला , सरकारी दफ्तरों में फाइल घुमाते रहे , अंत में वह आदमी मर जाता है |

व्याख्या : जामुन के पेड़ के नीचे एक आदमी दबा हुआ था | सारी भीड़ इकट्ठी हो गई थी | सब को लग रहा था कि वह आदमी मर गया है | लेकिन बहुत मुश्किल से आदमी से आवाज लगा कर कहा , मैं जिंदा हूँ , मगर मुझे इस पेड़ के नीचे से तो निकालो ! दबे हुए आदमी ने कराहकर कहा। उसकी साँस बड़ी मुश्किल से चल रही थी और उसकी आँखों से मालूम होता था कि वह घोर पीड़ा और दुःख में पड़ा है। सेक्रेटरी ने कहा कि हम ऐसे पेड़ नहीं काट सकते है | तीन-चार दिन तक ऐसे ही चलता रहा , पेड़ को लेकर सरकारी दफ्तर में फाइल लटकाते रहे | बेचारे आदमी के जीवन की फाइल पूरी हो चुकी थी |

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