Hindi, asked by Happy9602, 6 months ago

Sanlaap k mool shabad aur tatsam

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Answered by rishi102684
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Explanation:

हिन्दी के समान बज्जिका को भी देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। पहले इसे 'कैथी लिपि में भी लिखा जाता था। शब्दावली के स्तर पर अधिकांशत: हिंदी तथा उर्दू के शब्दों का प्रयोग होता है। फिर भी इसमें ऐसे शब्दों का इस्तेमाल प्रचलित है जिसका हिंदी में सामान्य प्रयोग नहीं होता। कुछ शब्दों की बानगी देखिए:

संज्ञाएँ जैसे- सोंटा (डंडा), छेंहुकी (पतला छड़ी), चट्टी (चप्पल), कचकाड़ा (प्लास्टिक), चिमचिमी (पोलिथिन बैग), खटिया, ढ़िबरी (तेलवाली बत्ती), चुनौटी (तम्बाकूदान), बेंग (मेंढ़क), गमछा, इनार (कुँआ), अमदूर (अमरूद), सिंघारा (समोसा), चमेटा (थप्पड़), कपाड़ (सिर), नरेट्टी (गरदन), ठोड़ (होंठ), गाछी (पेड़), डांड़ (डाल या तना), सोंड़ (मूल जड़), भन्साघर (रसोई घर), आदि।

विशेषण जैसे- लिच्चर (कंजूस एवं कपटी स्वभाव वाला), ख़चड़ा या खच्चड़ (बदमाश), ढ़हलेल (बेवकूफ), लतखोर (बार-बार गलती करने वाला), बकलेल (बेवकूफ), बुड़बक (निरा बेवकूफ), भितरघुन्ना (कम बोलने और ज्यादा सोचने वाला), साँवर (साँवला), गोर (गौरवर्ण), लफुआ (लोफर), पतरसुक्खा (दुबला-पतला आदमी), चमड़चिट्ट (पीछा न छोडनेवाला), थेथड़ (बार-बार गलती करने वाला), गोरकी (गोरी लड़की), पतरकी (दुबली लड़की) आदि।

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