sansadhan and anek sanrakshan civics in hindi
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संसाधन संरक्षण का अर्थ अपने आस – पास की वस्तुओं का अपनी जरूरतों के अनुसार कम – से कम प्रयोग करना होता हैं. पृथ्वी पर उपलब्ध किसी भी वस्तु का प्रयोग अपनी आवश्यकता के अनुसार अधिक सावधानी से करना तथा वस्तुओं को दुबारा निर्मित होने लिए समय देना “ संसाधन संरक्षण ” कहलाता हैं. संसाधनों का संरक्षण कैसे करें.
संसाधन संरक्षण के उपाय
संसाधन संरक्षण के बहुत से तरीके हैं तथा हर व्यक्ति संसाधनों का संरक्षण कर सकता हैं.
1. पानी भी एक संसाधन हैं. जिसका प्रयोग अलग – अलग कार्यों को करने के लिए किया जाता हैं. जैसे - पानी के कारण ही जीव – जंतु एवं मनुष्य जीवित हैं, पानी के कारण ही किसान खेती कर फसल उगा पाते हैं, पानी के कारण ही हमारे देश में चारों तरफ हरियाली फैली हुई हैं. इसलिए हमें सबसे पहले प्रकृति के द्वारा हमें प्रदान किए गए इस महत्वपूर्ण संसाधन का सरक्षण करने के बारे में सोचना चाहिए!
वस्तुओं का दुबारा प्रयोग करके भी संसाधनों का सरक्षण किया जा सकता हैं.
उदहारण - अख़बार हम सभी देश – विदेश की खबरों को जानने के लिए अख़बार खरीदते हैं. जिन्हें पढने के बाद हम घर के एक कोने में रख देते हैं या रद्दी में बेच देते हैं. अख़बार को घर के किसी कोने में रखने के बजाय हम इससे कागज के लिफाफे तथा खरीदारी करने के लिए थैलों को बनाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे इसका दुबारा प्रयोग किया जाएगा तथा एक संसाधन संरक्षण भी हो जाएगा. कागज से बने इन थैलों का प्रयोग करने के भी अपने ही लाभ हैं. जिनका वर्णन नीचे किया गया हैं.
· इनका प्रयोग करने का पहला फायदा तो यह हैं कि ये पर्यावरण के अनुकूल होते है.
· कागज़ से बने लिफाफे तथा बैग प्लास्टिक के थैलों की तुलना में जल्दी गल जाते हैं.
3. वन्य जीव – जंतु तथा पेड़, पौधेभी संसाधन हैं तथा इनका बचाव करकर भी हम संसाधनों का संरक्षण करने में अपना योगदान दे सकते हैं.
जैसे – आज के समय में मनुष्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों को लगातार काट रहें हैं. लेकिन उनके स्थान पर नये पौधे नहीं लगाते. पेड़ों से हमें ताज़ी हवा, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं. लगातार पेड़ काटने के कारण हमें अकाल की स्थिति का भी सामना करना पड सकता हैं. लगातार पेड़ों के काटने के कारण वनों के जीव – जंतुओं का जीवन भी खतरे में पड गया हैं. क्योंकि जितनी आवश्यकता मनुष्य को पेड़ों कीतथा वन की होती हैं. उससे ज्यादा जरूरत इनकी वन के जीव – जंतुओं को होती हैं. पेड़ों को काटने के कारण आज हमारे देश में वनों की संख्या बहुत कम हो गई हैं. इसलिए हमें इनका बचाव करना चाहिए तथा ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए.
4. बिजली से चलने वाली हर वस्तु संसाधन हैं. जैसे – फ्रिज, टी.वी, ट्यूबलाइट, बल्ब, पंखा, कम्प्यूटर आदि. बिजली से चलने वाले इन संसाधनों का प्रयोग मनुष्य आरामदायक जिन्दगी जीने के लिए तथा अपना काम आसानी से करने के लिए करते हैं. इन सभी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए या जब हमें इनकी जरूरत ज्यादा हो तब करना चाहिए.
बिजली संरक्षण के उपाय
· जब भी अपने घर से, कक्षा से निकलें तो बिजली से चलने वाली सभी चीजों के स्विच (Switch) बंद कर दें.
· इन चीजों का प्रयोग तब करें जब इनका प्रयोग करना जरूरी हो अर्थात बिजली का फिजूल खर्च न करके हम संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं.
संसाधन संरक्षण के उपाय
संसाधन संरक्षण के बहुत से तरीके हैं तथा हर व्यक्ति संसाधनों का संरक्षण कर सकता हैं.
1. पानी भी एक संसाधन हैं. जिसका प्रयोग अलग – अलग कार्यों को करने के लिए किया जाता हैं. जैसे - पानी के कारण ही जीव – जंतु एवं मनुष्य जीवित हैं, पानी के कारण ही किसान खेती कर फसल उगा पाते हैं, पानी के कारण ही हमारे देश में चारों तरफ हरियाली फैली हुई हैं. इसलिए हमें सबसे पहले प्रकृति के द्वारा हमें प्रदान किए गए इस महत्वपूर्ण संसाधन का सरक्षण करने के बारे में सोचना चाहिए!
वस्तुओं का दुबारा प्रयोग करके भी संसाधनों का सरक्षण किया जा सकता हैं.
उदहारण - अख़बार हम सभी देश – विदेश की खबरों को जानने के लिए अख़बार खरीदते हैं. जिन्हें पढने के बाद हम घर के एक कोने में रख देते हैं या रद्दी में बेच देते हैं. अख़बार को घर के किसी कोने में रखने के बजाय हम इससे कागज के लिफाफे तथा खरीदारी करने के लिए थैलों को बनाकर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे इसका दुबारा प्रयोग किया जाएगा तथा एक संसाधन संरक्षण भी हो जाएगा. कागज से बने इन थैलों का प्रयोग करने के भी अपने ही लाभ हैं. जिनका वर्णन नीचे किया गया हैं.
· इनका प्रयोग करने का पहला फायदा तो यह हैं कि ये पर्यावरण के अनुकूल होते है.
· कागज़ से बने लिफाफे तथा बैग प्लास्टिक के थैलों की तुलना में जल्दी गल जाते हैं.
3. वन्य जीव – जंतु तथा पेड़, पौधेभी संसाधन हैं तथा इनका बचाव करकर भी हम संसाधनों का संरक्षण करने में अपना योगदान दे सकते हैं.
जैसे – आज के समय में मनुष्य अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पेड़ों को लगातार काट रहें हैं. लेकिन उनके स्थान पर नये पौधे नहीं लगाते. पेड़ों से हमें ताज़ी हवा, फल, फूल आदि प्राप्त होते हैं. लगातार पेड़ काटने के कारण हमें अकाल की स्थिति का भी सामना करना पड सकता हैं. लगातार पेड़ों के काटने के कारण वनों के जीव – जंतुओं का जीवन भी खतरे में पड गया हैं. क्योंकि जितनी आवश्यकता मनुष्य को पेड़ों कीतथा वन की होती हैं. उससे ज्यादा जरूरत इनकी वन के जीव – जंतुओं को होती हैं. पेड़ों को काटने के कारण आज हमारे देश में वनों की संख्या बहुत कम हो गई हैं. इसलिए हमें इनका बचाव करना चाहिए तथा ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने चाहिए.
4. बिजली से चलने वाली हर वस्तु संसाधन हैं. जैसे – फ्रिज, टी.वी, ट्यूबलाइट, बल्ब, पंखा, कम्प्यूटर आदि. बिजली से चलने वाले इन संसाधनों का प्रयोग मनुष्य आरामदायक जिन्दगी जीने के लिए तथा अपना काम आसानी से करने के लिए करते हैं. इन सभी चीजों का इस्तेमाल कम करना चाहिए या जब हमें इनकी जरूरत ज्यादा हो तब करना चाहिए.
बिजली संरक्षण के उपाय
· जब भी अपने घर से, कक्षा से निकलें तो बिजली से चलने वाली सभी चीजों के स्विच (Switch) बंद कर दें.
· इन चीजों का प्रयोग तब करें जब इनका प्रयोग करना जरूरी हो अर्थात बिजली का फिजूल खर्च न करके हम संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं.
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