Sansarik Bhog Mein Lene hone se kya utpann hota hai
Answers
प्रश्न पूरा नही है, पूरा प्रश्न विकल्पों सहित इस प्रकार होगा...
सासांरिक भोगों में लीन होने से क्या उत्पन्न होता है?
(1) ईर्ष्या
(2) अहंकार
(3) स्वार्थ
(4) दुख
उत्तर:
सही जवाब है, विकल्प...
(3) स्वार्थ
स्पष्टीकरण:
कवियत्री ललिद्यद के अनुसार सांसारिक भोगों में अत्याधिक लीन होने से स्वार्थ उत्पन्न होता है और सांसारिक भोगों से विमुख होकर त्याग करने से अहंकार उत्पन्न होता है। इसलिए हमें बीच का मार्ग अपनाना चाहिए अर्थात ना तो सांसारिक भोगों में अत्याधिक मन लगाना चाहिए और ना ही बहुत अधिक त्याग की भावना पालनी चाहिए। हम बीच का संभावित मार्ग अपनाएंगे तो हम ना स्वार्थी बनेंगे और ना ही हमारे मन में अहंकार पैदा होगा। इसी से हमें अपने मन नियंत्रण स्थापित करने में सफलता मिलेगी और ईश्वर प्राप्ति का मार्ग खुलेगा।
≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡≡
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न—▼
कवयित्री ललद्यद द्वारा रचित 'वाख' का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए
https://brainly.in/question/15642776
═══════════════════════════════════════════
आई सीधी राह से ,गई न सीधी राह,
सुषुम सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह।
ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई
माँझी को दूँ क्या उतराई ।
https://brainly.in/question/10987785
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○