Sanskrit class 6
chapter 6
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यहाँ घास का अर्थ है पैरों में रहने वाली तुच्छ वस्तु। कबीर अपने दोहे में इस घास तक की निंदा करने से मना करते हैं क्योंकि यदि यह घास का तिनका आँख में चला जाये तो बहुत परेशानी होती है। कबीर के दोहे में "घास" का आशय "दबे-कुचले व्यक्तियों" से है। कबीर के दोहे का संदेश यही है हमें सबका सम्मान करना चाहिए चाहे वह छोटा हो या बड़ा, गरीब हो या अमीर।
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