sanskrit shlok on nadi with meaning(hindi or english)
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नदी से संबंधित संस्कृत का एक शलोक :
पतितोद्धारिणि जाह्नवि गङ्गे खण्डित गिरिवरमण्डित भङ्गे ।
भीष्म जननि हे मुनिवरकन्ये पतितनिवारिणि त्रिभुवन धन्ये॥
अर्थ: हे पतितजनों का उद्धार करनेवाली जह्नुकुमारी गंगे ! तुम्हारी तरंगे गिरिराज हिमालय को खण्डित करके बहती हुई सुशोभित होती हैं, तुम भीष्म की जननी और जह्नुमुनिकी कन्या हो, पतितपावनी होने के कारण तुम त्रिभुवन में धन्य हो । निरोगी होना परम भाग्य है और स्वास्थ्य से अन्य सभी कार्य सिद्ध होते हैं ।
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