Hindi, asked by mahikesarwani100, 2 months ago

Sanskrit translation in hindi​

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Answered by ayanna21
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कवि कुलगुरो: महाकाते कालिदासस्य नाम न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। ईश: महान कवि: कड़ा कुत्र चभाववत इति तो स्पष्ट रूप से कोट्रिप न जनती। ऐतिहासिक शोध ज्ञात नहीं है।

एंग्लो-सैक्सन: द सेकेंड शेक्सपियर की किंवदंती। दुनिया भर कथ्याते यत्कालिदास: बचपन का मूर्ख: असित। तस्य विवाह: कैशचिता: पंडिताई: परमविदुष्य विद्वत्माय सहा अकारयत। कालिदास: अचिंतायत मम पत्नी विदुषी मुर्खस्चाम्। इतिविचार्य स्वग्रह्हद वाहिरगच्छत। सः वाराणसीमगच्छित।

तत्र सह महाकाल्य: प्रसाद विदुशम चा संगेन अल्पेनव कालें महान विधान भाववत। ततः सः - स्वग्रहं प्रीतिगच्छत्। गृहस्य द्वारस्थत्व पत्निमावदत- 'अनाव्रुतम कपत, द्वारं देहि' इति श्रुत्वा विद्वत्मा उक्तवती- तच्छुत्व कालिदास: एकिनी पादेन त्रिनि काव्यानी द्वारा रचित। 'अस्ति इति शबदेन कुमार संभवम', 'कशचित' इति शबदेन मेघदूत खंडकाव्यम

इसलिए, कालिदास: 'ऋतुसंहारम' मालविकाग्निमित्रम, विक्रमोर्वशियम अभिज्ञान शाकुंतलम चेति नाटकात्रयम द्वारा रचित एक गीत कविता है। अभिज्ञानशाकुंतल, आप संस्कृत साहित्य में सर्वश्रेष्ठ हैं। कालिदासस्य साहित्यिक भाषा सरला-सरसा-सुमधुरा, प्रसाद गुण सम्पन्न स्थिरता। अस्य काव्येशु उपमा अलंकारस्य तू बहुल्यम वर्तते। अस्य प्रकृति-चित्रणं तू अतिव रम्यां। असय महाकवे: विषय अवधि

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