Sanskrit
योगदिवसः
जून मासस्य एकविशतिः तारिकाया विश्वयोगादिवसः भवति।
भारतस्य प्रधानमन्त्रिणा नरेन्द्र मोदी महोदयेन गतवर्षम् आरब्धः अयम् उत्सवः।
अस्मिन् दिने प्रात: विद्यालये, सर्वकारीय
कार्यालये सार्वजनिक स्थलेषु च अयम् दिवस:
विशेष रूपेण मान्यते।
विशेषतया बालक-बालिका: मातापितरः, अध्यापकाः
सर्वे मिलित्वा योगासनानि कुर्वन्ति।
प्राणायाम आसनानि च अस्मभ्यम् शान्तिमय जीवनं यच्छन्ति।
अस्माकं विद्यालये सर्वे छात्रा: अस्मिन्
दिने योगासनानि कुर्वन्ति स्मः।
पद्मासन, तितलिकासन, वज्रासनं, श्वासनं,
कोणासन, इत्यादीनि आसनानि वयम् अकुर्म।
विद्यालस्य योगाचार्य: आसनानि प्रयोजनानि
प्रति छात्रान् अवदत्।।
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Answer:
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा:
"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।"
—नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा
जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।[1]
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